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________________ सदस्यों, गतिविधियों, संगीत तथा प्रबंधन की जानकारी दी हुई। हैं तथा उनकी योजना बनाने एवं निर्णय लेने की क्षमता में सहयोग है। इस साइट पर उपलब्ध जैन कैलेण्डर के द्वारा जैन व्रत तथा | करें तो निश्चय ही हम समाज के लिये एक सूत्रधार के तौर पर त्यौहारों की जानकारी प्राप्त की जा सकती है। बहुत कुछ योगदान कर पायेंगे। जैन वैवाहिकी के सम्बन्ध में एक अलग वेबसाइट जैनटूजैन कुछ प्रमुख वेबसाइटों की सूची डॉट ओआरजी (www.jain2jain.org) इंटरनेट पर मौजूद है। jainsamaj.org jainworld.com इनके अलावा जैन मेटरीमोनियलस डॉट कॉम jainjagat.com (www.jainmatrimonials.com) जैन कनेक्शनस् डॉट कॉम jcgb.org jaina.org (jainconnections.com)शादी डॉट कॉम (www.shaadi.com) jaintirths.com इण्डियामैच डॉट कॉम (www.indiamatch.com) सखी डॉट atmadharma.com कॉम (www.sakhi.com)आदि साइटस पर भी जैन वैवाहिकी arham.com globaljains.com सम्बन्धी जानकारी उपलब्ध है। hindujaintemple.com जैन धर्म आज विश्व में सबसे सक्रिय धर्म है जहाँ दूसरे jcnc.org ahimsa.com धर्म मंदिर-मस्जिद के विवादों में उलझे हुए हैं वही जैन धर्म ने atmasiddhi.com (Book) पिछले दस वर्षों में जन सामान्य को अनेकों संस्कार दिये हैं। anekant.org jainheritagecentres.com शाकाहार, स्वास्थ्य के लिये पानी छानकर पीने से लेकर, दिन में jainshala.com विवाह, गौहत्या पर प्रतिबंध तथा गौशालाओं की स्थापना या फिर jain2jain.com jainmetrimonial.com जन सामान्य के लिये भाग्योदय तीर्थ अस्पताल (सागर म.प्र. जैसे jainnet.com अनेकों प्रसंग हमारे जीवन का अभिन्न अंग हैं। जैन धर्म के vegeats.com अहिंसा शब्द से ही हमने आजादी प्राप्त की है। इतनी भव्यता के इंटरनेट पर 'जैन समाज' से सम्बन्धित किसी भी प्रकार की बाद भी जैन धर्म की सही छवि इतिहास में दर्ज नहीं है। आज जानकारी प्राप्त करने के लिए आप हमसे सम्पर्क कर सकते हैं या जब जैन धर्म एक संस्कृति का रूप लेते हुए सभी धर्मों के लिये हमारे सेन्टर पर आकर इंटरनेट से जुड़कर आप स्वयं अपने प्रश्नों के सर्वमान्य हो रहा है तो ऐसे समय में हम सभी का कर्तव्य है की उत्तर पा सकते हैं। हमारी तरफ से इंटरनेट पर 'जैन समाज' से हम इसे आधनिक तकनीक के सहारे जन-जन तक पहँचायें। सम्बन्धित किसी भी प्रकार की जानकारी आपको निशुल्क प्रदान की सचना क्राँति के इस यग में अत्याधनिक तकनीक का | जायेगी और न ही आपको इन्टरनेट या अन्य कोई शुल्क देना होगा। उपयोग करते हुए यदि हम सूचनाओं को जन सामान्य तक पहुँचाते । डिजिटल टैक्नॉलोजी एवं सर्विस, ३०२, सतना बिल्डिंग, जबलपुर ...etc. गीत सुबह-सुबह छा रही उदासी, संध्या आने वाली है। बैठ मुसाफिर बाँध पुटरिया, गाड़ी जाने वाली है। खेल-कूद में बचपन बीता, गई जवानी काम में। गिरा बुढ़ापा समय गुजारा, बिस्तर पर आराम में। खुद से बात नहीं कर पाया, माया में इतना भरमाया। दर्पण चिढ़ा रहा है तुझको, काजल देता गाली है। गाड़ी जाने........... कौन तुम्हारा संगी साथी, कौन तुम्हारा अपना है। मतलब के रिश्ते-नाते सब, दुनिया छल है सपना है। तूने जो जागीर बनाई, तेरे काम नहीं आ पाई। तप्ति मिली है कहीं भोग में, दर-दर खड़ा सवाली है। गाड़ी जाने ................. मुट्ठी बंधी हुई आया था, हाथ पसारे जाना है। सांसों की फुलझड़ी झड़ी सब, यहीं पड़े रह जाना है। जाना सबकी मजबूरी है, कदम दो कदम की दूरी है। चिन्ता मत कर यहाँ जगह की, पूरा डिब्बा खाली है। गाड़ी जाने वाली है.... पथिक १७२, दुर्गा मार्ग, विदिशा - मई 2004 जिनभाषित 27 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.524285
Book TitleJinabhashita 2004 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanchand Jain
PublisherSarvoday Jain Vidyapith Agra
Publication Year2004
Total Pages36
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Jinabhashita, & India
File Size4 MB
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