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आशीर्वाद प्रदान किया। त्रिकाल चौबीसी के निर्माण हेतु उत्सा दानदाताओं ने अपनी स्वीकृतियाँ प्रदान करना भी आरम्भ कर
समाधिमरण दिया। श्री गिरनार सभापति राजा रमलेश जैन बण्डी ने बताया कि
जंगल बाले बाबा के नाम से प्रसिद्ध संत मुनिवर श्री संत शिरोमणि आ. विद्यासागरजी महाराज के परमशिष्य मुनिपुंगव
चिन्मयसागर जी महाराज एवं आर्यिका श्री प्रशांतमति माताजी श्री सुधासागरजी महाराज, ऐलक श्री सिद्धान्तसागरजी महाराज,
ससंघ के सानिध्य में क्षुल्लिका श्री १०५ सुदृढ़मति माताजी का क्षुल्लकद्वय श्री गम्भीरसागरजी, धैर्यसागरजी महाराज के पावन
पुण्याभूति योग में सल्लेखना पूर्वक समाधि मरण हो गया। सान्निध्य में त्रिकाल चौबीसी का शिलान्यास समारोह सम्पन्न
जबलपुर में वृहत शांति विधान कार्यक्रम सम्पन्न विधान में हआ। पर्वतराज दिगम्बर जैन मंदिर में त्रिकाल चौबीसी का शिलान्यास श्रेष्ठी श्रीमान नरेशभाई सूरत वालों ने प्रतिष्ठाचार्य ब्र. जिनेश भैया
मुनिसंघ के अल्प प्रवास से महती धर्म प्रभावना अधिष्ठाता गुरुकुल जबलपुर के निर्देशन में विधि विधान पूर्वक |
___ मुनिश्री समतासागर, मुनि श्री प्रमाणसागर, ऐलक श्री किया गया। त्रिकाल चौबीसी मंदिर नरेश भाई सूरतवालों की ओर
निश्चयसागर जी के दो दिवसीय जबलपुर प्रवास के अवसर पर
अभूतपूर्व धर्म प्रभावना हुई। बिलहरी से रामटेक की ओर बिहार से एवं अन्य १२ मंदिरों का निर्माण समाज के दानदाताओं की ओर
करते हुए मुनि संघ का नगरागमन हुआ। अधारताल शिवनगर के से कराया जायेगा। इस पुण्य अवसर पर विभिन्न स्थानों के दातारों
जिन मंदिरों की वंदना कर संघ श्री चन्द्राप्रभु दि. जैन मंदिर संगम ने दानराशि देने की घोषणा मुनिश्री के सान्निध्य में की। बण्डीलाल
कॉलोनी पहुँचा। संगम कॉलोनी में मुनि संघ का संक्षिप्त प्रवचन जैन ने बताया कि मंदिर निर्माण का कार्य तीन वर्ष की अवधि में
हुआ। हजारों की संख्या में जनसैलाब उमड़ पड़ा। सभी की पूर्ण कराया जायेगा। तलहटी पर स्थित जैन मंदिर व धर्मशाला का
आकांक्षा थी कि संघ कुछ दिन और यहाँ रूके। रात्रि विश्राम के भी जीर्णोद्धार कराया जायेगा। मंदिर परिसर में विशाल जैन स्तम्भ |
परिसर में विशाल जैन स्तम्भ | पश्चात् प्रातः श्री आदिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर गोलवाजार में चल का भी निर्माण कराया जायेगा। इस अवसर पर पर्वत स्थित | रहे १६ दिवसीय शांति विधान में संघ का सान्निध्य प्राप्त हआ। त्रिकाल चौबीसी के निर्माण के लिये राजस्थान सहित विभिन्न | जहाँ अपने प्रवचनों में मुनि संघ ने कहा कि आश्रय विहीन लता प्रान्तों के प्रतिनिधियों वाली निर्माण समिति का गठन किया गया। | पल्लवित नहीं हो सकती धर्म रूपी लता का सहारा लेकर ऊर्ध्व
हर्षोल्लास के साथ सम्पन्न उक्त समारोह के पश्चात मुनिश्री | गति की ओर अग्रसर हुआ जा सकता है। गोलबाजार में विराजे ने जीर्णोद्धार व नवनिर्माण का आशीर्वाद क्षेत्रिय कमेटी को देकर | मुनिश्री पावन सागर जी भी मंच पर उपस्थित थे। संघ यहाँ से ससंघ सिद्धक्षेत्र तारंगा जी के लिये मंगल विहार किया। राजा | अग्रवाल कॉलोनी के जिन मंदिर पहुंचा जहाँ संक्षिप्त प्रवचनों के रमलेश बण्डी ने त्रिकाल चौबीसी, मंदिर व धर्मशाला में नवीन
बाद श्री दिगम्बर जैन अतिशय तीर्थ क्षेत्र पिसनहारी की मढ़िया डीलक्स कमरों आदि के निर्माण में दातारों से दान देने की अपील
की ओर विहार हुआ। मुनि श्री प्रबुद्धसागर जी एवं आर्यिका श्री की। इस अवसर पर हुकुम जैन काका कोटा, ऋषभ मोहिवाल
गुणमति माताजी (ससंघ) ने संघ की आगवानी की। श्री तीर्थ
क्षेत्र पिसनहारी की मढ़िया में आहार चर्या सम्पन्न हुई। कोटा, निहालचन्द पहाड़िया किशनगढ़, डॉ. सुधीरजैन सागर,
मध्यान्ह में विद्यानुभूति भवन में प्रवचन आयोजित हुये। विमलचन्द्र, अनिलकुमार, उत्तमचन्द पाटनी जयपुर, सुरेन्द्रकुमार |
पिसनहारी की मढ़िया में चल रहे १६ दिवसीय शांति विधान के जैन, नरेश पहाड़िया व रोशन लाल ने दान देने की घोषणा की।
कार्यक्रम में भी संघ के आशीर्वचन हुये। मुनिसंघ के आगमन से क्षेत्र कमेटी के उप सभापति श्री निर्मलकुमार जी बंडी, मंत्री श्री |
ऐसा लगा मानो सारा शहर ही दर्शनार्थ आ पहुँचा। रात्रि विश्राम सुरेन्द्रकुमार जी पाडलिया, क्षेत्र कार्यकर्ता श्री प्रदीप बी. जैन ने |
मढ़िया जी में करने के बाद प्रातः संघ भारतवर्षीय प्रशासकीय सभी श्रावकों के इस अवसर पर पधारने का आभार प्रदर्शन किया |
प्रशिक्षण संस्थान पहुंचा। प्रशिक्षणार्थियों को आशीष वचन देकर और पुनः दर्शनार्थ पधारने हेतु विशेष आग्रह किया है। तलहटी दयोदय तीर्थ तिलवाराघाट की ओर विहार हुआ। दयोदय तीर्थ पर धर्मशाला से जुड़े महानुभावों का कहना था कि उन्होंने जीवन में एक धर्मसभा आयोजित हुई। शहर से १५ कि.मी. दूर स्थित पहली बार इतने कम समय में हजारों जैन यात्रियों का यहाँ | दयोदय तीर्थ मुनि संघ के सान्निध्य में वास्तविक तीर्थधाम नजर आवागमन देखा है।
आ रही थी। मध्यान्ह में संघ का बरगी की ओर विहार हुआ। मात्र निर्मल कासलीवाल | दो दिन के अल्प प्रवास में चातुर्मास जैसी अद्वितीय प्रभावना नजर
मानद मंत्री जैन मंदिर रोड, सांगानेर (जयपुर)। आ रही थी।
अमित पड़रिया मार्च 2004 जिनभाषित 29
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