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________________ अंतिम दिवस में प्रथम सत्र का शुभारंभ ब्रह्मचारिणी बहनों । रश्मि, डॉ. रूपाली, डॉ. मृदुला का सार्वजनिक अभिनंदन किया ने मंगलगान से किया गया। उस दिन संयोग से सभी वक्ता एवं प्रतीक चिह्न भेंट किया। कार्यक्रम की अंतिम कड़ी के रूप में ब्रह्मचारिणी बहनें ही थीं। डॉ. संगीता जैन ने "जोड़ों के दर्द एवं | डॉ. रेखा जैन ने परमपूज्य आचार्यश्री का आह्वान किया और आदर उपचार एवं आहार" डॉ. नीता जैन ने "डायबिटीज के उपचार सहित बोली कि अब मैं संसार के सबसे बड़े डॉक्टर को निवेदन एवं आहार" डॉ. सपना जैन ने "मोटापा के उपचार एवं आहार" | पूर्वक आमंत्रित करती हूँ, यह वाक्य सुनकर जन-साधारण को के बारे में बतलाया, डॉ. रेखा जैन ने जो संचालन भी कर रही थी, हार्दिक खुशी हुई, अत: तालियों की गड़गड़ाहट से आकाश गूंज अपने वक्तव्य में कहा कि आदमी को प्रतिदिन 2200 से 2400 | उठा। गुरुवर ने तीनों दिनों के सत्रों पर प्रकाश डाला, फिर श्रावकों कैलोरी की आवश्यकता पड़ती है। अत: उसे दिन भर में वह प्राप्त से कहा कि आपको स्व के साथ-साथ पर के बारे में हर पल करना चाहिए। उन्होंने रोज उपयोग में आने वाले, विभिन्न खाद्य सोचना होगा। अनेक प्रकार के शिक्षासूत्रों को प्रदान करते हुए पदार्थों में कैलोरी की मात्रा बतलाने के लिए एक चार्ट जारी उन्होंने स्पष्ट किया, कि दीपक हजार हो सकते हैं, किन्तु प्रकाश किया। जो बहुत महत्त्वपूर्ण माना जाता है। रेखा दीदी ने व्यंग्य | एक ही होता है, उसी तरह चिकित्सा-पद्धितयाँ अनेक हो सकती करते हुए कहा कि कैलोरी की मात्रा सात्त्विक पदार्थों से ही ली । हैं, पर स्वास्थ्य एक ही होता है। अत: सफल चिकित्सकों को भी जावे, क्योंकि आज का आदमी, बीबी को तलाक दे सकता है पर | अभिमान नहीं करना चाहिए व अभयदान देना चाहिए। प्राणों से प्यारी चाय को नहीं। डॉ. रेखा जैन के आभार प्रदर्शन के साथ ही त्रिदिवसीय डॉ. पन्नालाल जी वर्मा ने हृदय रोग पर गहन चर्चा की। संगोष्ठी का 27 जून 2002 की संध्या बेला में समापन किया गया। और प्राकृतिक उपचार बतलाए, अंत में परमपूज्य आचार्यश्री ने डॉ. रेखा जैन सभी वक्ताओं के कथन को स्पर्श करते हुए बतलाया कि प्रमाद भाग्योदय तीर्थ प्राकृतिक चिकित्सालय, सागर (म.प्र.) का अभाव होना जरूरी है, वह उचित खाद्य पदार्थों से वा संतुलित श्री टी.के.विद्यार्थी को राष्टपति शौर्य-पदक कैलोरी से किया जा सकता है। किन्तु उसका एक प्रकार और है, दृष्टि नासा पर रखने से भी प्रमाद का अभाव होता है, उसी से देश के चुनिंदा पुलिस अधिकारियों को अदम्य साहस एवं पल-पल झपकती आँखों से उन्मेष और निमेष का अभाव होता उत्कृष्ट कर्तव्यनिष्ठा के लिए दिये जाने वाले राष्ट्रपति शौर्य पदक है। अनेक दृष्टांत बतलाते हुए आचार्यश्री ने स्पष्ट किया कि उन्मत्तता हेतु इस वर्ष छतरपुर निवासी उप पुलिस अधीक्षक श्री तुषारकांत हटाने के लिये पाँचों इन्द्रियों का विश्राम करना आवश्यक है। जैन विद्यार्थी को भी चयनित किया गया है। खास बात यह है कि तीसरे दिन के अंतिम सत्र में डॉ. वन्दना जैन ने योग | डबरा (ग्वालियर) एस.डी.ओ.पी. श्री विद्यार्थी इस वर्ष सर्वोच्च संबंधी जानकारी दी एवं डॉ. अल्पना जैन ने आहार के विषय में | पुलिस-अलंकरण हेतु मध्यप्रदेश से चयनित एकमात्र पुलिस संक्षिप्त एवं सारगर्भित जानकारी दी, शिविर में आये हुए श्री पार्श्वनाथ अधिकारी हैं । ज्ञातव्य है कि तुषारकांत छतरपुर के स्वतंत्रता संग्राम ब्रह्मचर्याश्रम, गुरुकुल एलोरा के 200 छात्र वा शिक्षक तथा खातेगाँव सैनानी, पूर्व विधायक एवं लेखक स्व. डॉ. नरेन्द्र विद्यार्थी एवं पूर्व स्कूल से 75 छात्र व शिक्षक भी आये थे। प्राध्यापक डॉ. श्रीमती रमा जैन के सुपुत्र हैं। इस बीच शिविरवासियों ने अपने अनुभव जनसामान्य के | श्री टी.के. विद्यार्थी ने असाधारण वीरता एवं उच्चस्तरीय बीच मंच पर आकर स्पष्ट किए वा चिकित्सा से संबंधित कर्मचारियों | कर्त्तव्यनिष्ठा का परिचय देते हुए म.प्र. शासन द्वारा पच्चीस हजार को आचार्यश्री के फोटो तथा प्रमाणपत्र से सम्मानित किया गया। | रुपये के इनामी कुख्यात दस्यु सरगना किशन काछी (30) को ___ अंत में डॉ. रेखा दीदी ने अपना सारगर्भित वक्तव्य दिया । एक अत्यंत साहसिक मुठभेड़ में धराशायी किया था। यह मुठभेड़ जिसमें उन्होंने भाग्योदय की तुलना अन्य चिकित्सालयों से करते शिवपुरी जिले के ग्राम बरसोड़ी में 25 जनवरी 2000 को रात एक हुए माता एवं धायमाता की सेवा का अंतर बतलाया। डॉ. रेखा | बजे हुई थी, तब श्री विद्यार्थी करैरा में एस.डी.ओ.पी. थे। दस्यु जैन ने सिंहघोषणा की कि देश की रक्षा के लिए केवल शिक्षा ही | प्रभावित क्षेत्र भितरवार में पदस्थता के दौरान श्री विद्यार्थी ने 5-5 नहीं स्वास्थ्य भी जरूरी है। उन्होंने अंत में एलोरा से आए हुए हजार रुपये के इनामी कुख्यात दस्युओं, गरीबा रावत एवं बंटी छात्रों की पुस्तकों एवं पोषाकों के लिए आर्थिक सहायता देने के रावत, 30 हजार रुपये के इनामी दुर्दान्त दस्यु सरगना कल्लू पिनपिना लिए जन सामान्य से अपील की। भाग्योदय चिकित्सालय के एवं उसके सम्पूर्ण गिरोह तथा दो टूंखार सरगनाओं 22 हजार संचालक डॉ. अमरनाथ जैन ने चिकित्सालय को सेवा प्रदान कर | रुपये के इनामी गोविन्द यादव व 15 हजार रुपये के इनामी मुन्ना रही डॉक्टर्स बहनों की प्रशंसा की एवं डॉ. रेखा जैन का आभार यादव को साहसिक मुठभेड़ों में धराशायी किया था। डबराप्रदर्शन किया, इसी क्रम में सिद्धोदय सिद्धक्षेत्र, नेमावर कमेटी पदस्थ होते ही श्री विद्यार्थी ने पिछले माह ग्वालियर में हुई भाजपा द्वारा डॉक्टर रेखा, डॉ. सपना जैन, डॉ. संगीता, डॉ. नीता, डॉ. | नेता की हत्या के आरोपी 15 हजार रुपये के इनामी एक पेशेवर वंदना, डॉ. देविका, डॉ. मीनू जैन, डॉ. अल्पना, डॉ. श्रद्धा, डॉ. | हत्यारे को डबरा में ही साहस पूर्वक धर दबोचा था। इस प्रकार -जनवरी 2003 जिनभाषित 29 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.524269
Book TitleJinabhashita 2003 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanchand Jain
PublisherSarvoday Jain Vidyapith Agra
Publication Year2003
Total Pages36
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Jinabhashita, & India
File Size5 MB
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