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रजि. नं. UP/HIN/29933/24/1/2001-TC
डाक पंजीयन क्र.-म.प्र./भोपाल/588/2002
सितम्बर 2002
जिनभाषित
मासिक
वर्ष 1,
अङ्क 8
सम्पादक प्रो. रतनचन्द्र जैन
अन्तस्तत्त्व
कार्यालय 137, आराधना नगर, भोपाल-462003 (म.प्र.) फोन नं. 0755-776666
आपके पत्र : धन्यवाद
सम्पादकीय : उच्चतम न्यायालय का सराहनीय निर्णय • लेख • महाश्रमण दिगम्बराचार्य श्री शान्तिसागर : मुनिश्री निर्वेगसागर जी 5
जी महाराज
सहयोगी सम्पादक पं. मूलचन्द्र लुहाड़िया पं. रतनलाल बैनाडा डॉ. शीतलचन्द्र जैन डॉ. श्रेयांस कुमार जैन प्रो. वृषभ प्रसाद जैन डॉ. सुरेन्द्र जैन 'भारती'
उत्तम मार्दव
: आचार्य श्री विद्यासागर जी7
पर्वराज पर्युषण
: मुनिश्री समतासागर जी 11
.
न अहं, न शर्म.....
:
डॉ. सुरेन्द्र कुमार जैन
13
शिरोमणि संरक्षक श्री रतनलाल कँवरीलाल पाटनी (मे. आर.के.मार्बल्स लि.)
किशनगढ़ (राज.) श्री गणेश राणा, जयपुर
•
और मौत हार गई
: पं. मूलचन्द लुहाड़िया 15
• समाज के उत्थान में युवाओं की भूमिका : कु. समता जैन
18
.जिज्ञासा-समाधान
द्रव्य-औदार्य श्री गणेशप्रसाद राणा
जयपुर
: पं. रतनलाल बैनाड़ा 20 : महावीर प्रसाद पहाड़िया 23
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परिचय : दि. जैन श्रमण संस्कृति
संस्थान सांगानेर
समाचार
12, 25, 31
प्रकाशक सर्वोदय जैन विद्यापीठ 1/205, प्रोफेसर्स कॉलोनी,
आगरा-282002 (उ.प्र.) फोन : 0562-351428,352278
.वर्षा योग : चातुर्मास 2002
.
सदस्यता शुल्क शिरोमणि संरक्षक 5,00,000 रु. परम संरक्षक 51,000 रु. संरक्षक
5,000 रु. आजीवन
500रु. वार्षिक
100 रु. एक प्रति
10 रु. सदस्यता शुल्क प्रकाशक को भेजें।
जरूरत है शाकाहार के पहचान-चिह्न के नियम के पालन की 31-32 -कविताएँ: • गुरुदेव विद्यासागर
: डॉ. वन्दना जैन आवरण पृष्ठ 2 •विद्या का ही सागर है
: कैलाश मड़वैया आवरण पृष्ठ 2 • वाह रे ! दूध के धुले
: मुनि श्री उत्तमसागर जी 19 .आत्मकथाः एक बूढी गाया की आत्मकथा : श्रीमती रंजना पटोरिया 6
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