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रहा है। दूध को शास्त्रों में पृथ्वीलोक का अमृत कहा गया है, विशेषतः इसलिये कि दूध रसायन जीवनीय है। अतः वह शरीर की रोग प्रतिकारक शक्ति बढ़ाकर उसे सदा रोग मुक्त रखता है।
एक बार गाँधी जी से किसी ने जाकर कहा कि बापू जी आप साधना करते हैं और सुना है कि आप मार्गदर्शक हैं। मेरा जीवन अस्थिर है, मेरा मन अशांत है, संयम की ओर मेरा रुझान नहीं हो पा रहा है। मैं अस्वस्थ भी बहुत रहता हूँ। मेरे लिये इस स्थिति में सुख शांति पाने के लिये कुछ उपाय बताइए, कुछ मार्ग दर्शन दीजिए। गाँधी जी ने कहा कि यदि मन अशांत है, जीवन अस्थिर बना हुआ है,
रोग घेर रहे हैं, तो ऐसा करो- कल से लौकी की सब्जी खाना और गाय का दूध पीना शुरु कर दो फिर हमारे पास आने की जरूरत नहीं है। अपने आप सब ठीक हो जायेगा। शायद लेखक इस बात से अनभिज्ञ है कि 'जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी' अर्थात् जननी और जन्मभूमि स्वर्ग से भी महान् है । विभिन्न वैज्ञानिकों का मत है कि जो प्राणी स्तनपान करते हैं वे अधिक आत्मविश्वास से भरे होते हैं।
उपर्युक्त वैज्ञानिक तथ्यों से स्पष्ट होता है कि यद्यपि दूध शाकाहार है फिर भी उसके उपयोग की मर्यादाएँ सीमित हैं। एक निश्चित अवधि के बाद दूध में भी जीवाणु क्रियाशील
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भगवान महावीर के 2600 वें जन्म कल्याणक वर्ष के उपलक्ष्य में श्री जम्बूस्वामी दिगम्बर जैन सिद्धक्षेत्र, चौरासी मथुरा में
परम पूज्य आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज के आशीर्वाद तथा परमपूज्य उपाध्याय श्री 108 ज्ञानसागर जी महाराज की प्रेरणा से शुभमिती श्रावण कृष्णा 6 बुधवार दिनांक 11.7.2001 को सिद्धक्षेत्र परिसर में प्रातः 8.30 बजे से भव्य समारोह के साथ जैन सिद्धान्त अध्ययन के लिये श्रमण ज्ञान भारती संस्थान का उद्घाटन हुआ। सर्वप्रथम सामूहिक देवपूजन हुआ।
ब्र. अनीता दीदी द्वारा देव वन्दना के बाद भगवान महावीर के चित्र का अनावरण आगरा निवासी प्रमुख उद्योगपति श्री स्वरूपचन्द जी जैन (मारसन्स वाले) ने किया। इसी क्रम में आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज व उपाध्याय श्री 108 ज्ञानसागर जी महाराज के चित्रों का अनावरण श्री ज्ञान चन्द जी, गाजियाबाद तथा श्री अनिल कुमार जी, दिल्ली ने किया। दीप प्रज्ज्वलन श्री सुमत चन्द जी देवेन्द्र कुमार जैन (बजाज बेटरी वाले) आगरा द्वारा किया गया। श्री रतन लाल बैनाड़ा, आगरा ने संस्थान की स्थापना का उद्देश्य अपनी उत्कृष्ट भाषा शैली में प्रकट किया तथा मंच का संचालन किया। समारोह के विशिष्ट अतिथि प्राचार्य श्री नरेन्द्र प्रकाश जी जैन, फिरोजाबाद ने अपने सारगर्भित उद्बोधन में ऐसे संस्थानों की आज के समय परम आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि नव निर्माण व पंच कल्याणक महोत्सवों पर अटूट धन व्यय किया जा रहा है लेकिन ज्ञान के केन्द्र इन संस्थाओं की स्थापना व इनके संचालन के प्रति हम उदासीन हैं। यदि धर्म के मर्मज्ञ ज्ञाता व उपदेशक उत्पन्न नहीं होंगे तो आगे आने वाली पीढ़ी का धर्म के प्रति मार्गदर्शन कौन करेगा। श्री निरंजन लाल जी बैनाड़ा (आगरा) ने जो इस संस्थान के अधिष्ठाता है, समाधिमरण
हो जाते हैं। हाँ, यह बात अवश्य है कि बछड़े को पर्याप्त स्तनपान कराने के पश्चात् ही दूध दुहना चाहिए, क्योंकि उस पर पहला अधिकार बछड़े का ही है। कुछ लोग दूध को अण्डे के समान ही मानते हैं, जबकि महान वानस्पतिक शास्त्री डॉ. वैक्टर ने भी सिद्ध कर दिया है। कि अण्डे में भी हमारी तरह जीवन भड़कता है। जितना अंतर करुणा एवं क्रूरता में है, शांति एवं बर्बरता में है, उतना ही दूध और अण्डे में है। निर्णय आपको करना है। इनमें से आप क्या चुनते हैं दूध या अण्डा ? करुणा या क्रूरता ?
द्वारा श्री सुरेन्द्र जैन (बस ओनर) परवारी मोहल्ला, छतरपुर (म.प्र.)
1. श्रमण ज्ञान भारती (जैन सिद्धान्त अध्ययन संस्थान) 2. भगवान महावीर होम्यो औषधालय का शुभारंभ
तक यहाँ रहकर संस्थान में आये बालकों को हर प्रकार से धार्मिक ज्ञान देने का संकल्प व्यक्त किया।
प्रथम वर्ष में संस्थान में प्रथम श्रेणी या उच्च प्रतिशत वाले हाईस्कूल उत्तीर्ण 15 छात्रों का चयन किया गया। यह सभी अपनी रूचि के अनुसार विज्ञान/वाणिज्य/ कलावर्ग विषयों की पढ़ाई के साथ संस्थान में धार्मिक शिक्षण प्राप्त करेंगे। श्रीमती सुभाष पंकज ने संस्थान में रहने वाले प्रत्येक प्रशिक्षार्थी की देखभाल करने का दायित्व लिया। वर्तमान में संस्थान की व्यवस्था क्षेत्र के पाँच कमरों व एक हॉल में की गयी है। उपस्थित अनेक लोगों ने संस्थान के लिये आर्थिक सहयोग देने की घोषणा की। क्षेत्र व संस्थान के अध्यक्ष सेठ विजय कुमार जैन, मंत्री योगेश जैन, खतौली वाले व अन्य सभी अतिथियों का क्षेत्र के मंत्री डॉ. जयप्रकाश जैन ने तिलक लगाकर स्वागत किया । श्री सुरेश चन्द्र जैन, दिल्ली को संस्थान का कोषाध्यक्ष तथा श्री अशोक कुमार छाबड़ा मथुरा को सहमंत्री मनोनीत किया गया।
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इसी दिन प्रातः 11.30 बजे मंदिर क्षेत्र की बाह्य धर्मशाला में भगवान महावीर होम्यो औषधालय का प्रमुख उद्योगपति श्री निरंजन लाल जी बैनाड़ा (आगरा) द्वारा फीता काटकर उद्घाटन किया गया। यह औषधालय श्री मुनीन्द्र कुमार जैन, बैंक कालोनी मथुरा के सहयोग से स्थापित किया गया। औषधालय में योग्य अनुभवी चिकित्सक श्रीमती दीपा चक्रवर्ती अपनी सेवाएँ दे रही हैं। अभी औषधालय का समय प्रातः 9 से 11 बजे तक रखा गया है जिसको आवश्यकतानुसार आगे बढ़ाने का निर्णय किया गया।
सुनील कुमार शास्त्री 962, सेक्टर-7, आवास विकास कालोनी, बोदला, आगरा 'सितम्बर 2001 जिनभाषित
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