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________________ गुरुणी पासइ साधवी, बंधुमती सुविचार, सूत्र भणइ मन मोदसुं, करइ भूपीठि विहार... ढाल-२ देशी- आतम तेरे राजमई, राजमई मोहराय परधान हवई गुरु साथइ अन्यदा, अन्यदा सामायिक अणगार, फिरतउ फिरतउ आवीयउ, आवीयउ कोईक नगर मझार, सुणो भवि सीखडी, विरुयउ मदनविकार सु... बंधुमती पण साधवी, साधवी ते करम संयोगि सु. फिरती आवी तिण पुरईं, तिण पुरइ भवितव्यतानइ भोगि सु... सुस्थितसूरिनई वांदिवा, वांदिवा आवी गुरुणी साथि... सु सामायिक दीठी प्रिया, दीठी प्रिया न रहिउं निज मन हाथि सु... पूरव विलसित सांभर्या, सांभर्या कामभोग सुविशेष, सु. उलटी मनमथ दलघटा, दलघटा चिंतई फिरि फिरि देखि सु... गुरुभाईनई इम कहइ, इम कहइ लाज त्यजी मुह फोडि सु. ए मुज धरणी भोगवउं, भोगवउं इणि वाति फसी खोडि सु... तिण साधवी जाई कहिउं, जाई कहिउ पहूतणी सनइ गुझ सु. विकल थयुं विषयी धणु, विषयी घणउं एम कहई छई अबुझ सु... तन्नसुणी कही महासती, महासती बंधुमतीनई ताम सु. सुणी वच्छ शील ए खंडसि, खंडसि मूकी गुरुनी माम सु... चिंतातुर थई चिंतवई, चिंतवई हा मतजाई शील सु. शील थकी संकट टलई, संकट टलई लहीइ अविचल लील सु... चरित्र व्रत भंग कर्या थकी, कर्या थकी करवउ आतमघात सु. ईम चिंती अणसण लीउं, अणसण लीउं साधवीइं परभात सु... आराधी संलेखना, संलेखना ते पहूती परलोक सु. बंधुमती शुभ शीलथी, सुख विलसइ सुरलोक सु... न्यानसागर कहिउ सांभळउ, सांभळउ कही बीजी ढाल सु. पूरव वरत संभारतां, संभारता एम वधई झंझाल सु... 53 ३ ४ १० ११
SR No.523351
Book TitleAho shrutam E Paripatra 02 Samvat 2071 Meruteras 2015
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBabulal S Shah
PublisherAshapuran Parshwanath Jain Gyanbhandar Ahmedabad
Publication Year2015
Total Pages132
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationMagazine, India_Aho Shrutgyanam, & India
File Size3 MB
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