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» पू. अध्यात्मयोगी आ. श्री कलापूर्णसूरीश्वरजी म. सा. के शिष्य आ. श्री तीर्थभद्रसूरिजी के
द्वारा अद्यावधि अप्रकाशित स्तोत्र रास व संस्कृत चरित्र ग्रंथो को प्राचीन हस्तप्रत पर से संशोधित करके संपादित कर प्रकाशित किये गये है। प्रकाशक - श्री कनकसूरि प्राचीन ग्रंथमाला (श्री श्रमण सेवा रीलीजीयस ट्रस्ट) संपादन - आ. तीर्थभद्रसूरिजी म. • अगडदत्त रासमाला - भिन्न भिन्न कर्ताओं के द्वारा निर्मित ग्यारह रास व चोपाई
व कथा, हस्तप्रतों पर से संशोधित करके प्रकाशित हुई। मंगलकलश रासमाला - भिन्न भिन्न कर्ताओं के द्वारा निर्मित ग्यारह रास व चोपाई को हस्तप्रत पर से संशोधित करके प्रकाशित किया गया है। मदन-धनदेवचरित्र - मदन धनदेव रास - कर्ता - श्री पद्मविजयजी मदन-धनदेवकथा - कर्ता - श्री मुनिसुन्दरसूरिजी श्री नेमिनाथस्तोत्रसंग्रह - संपादन - आ. श्री तीर्थभद्रसूरिजी म.सा. अब तक के अप्रकाशित पचास स्तोत्र के साथ में नेमनाथ भगवान के चउपन साथ में दुसरे परमात्मा के स्तोत्र का संग्रह एक साथ प्रकाशित हुआ है। मंगलकलशचरित्रसंग्रह- संपादन - आ. तीर्थभद्रसूरिजी म.सा.
भिन्न-भिन्न विद्वानों के द्वारा रचित ग्यारह अप्रगट चरित्र कथाओंका संग्रह। १) मंगलकलशकहा श्री देवचंद्रसूरिजी २) मंगलकलशकथानक श्री माणिक्यचंद्रसूरिजी ३) मंगलकलशकथानक श्री विनयचन्द्रसूरिजी ४) मंगलकलशकथानक श्री अजितप्रभसूरिजी ५) मंगलकलशकथानक श्री मुनिदेवसूरिजी ६) मंगलकलशकथानक श्री भानुचन्द्रसूरिजी ७) मंगलकलशकथानक श्री राजवल्लभजी उपाध्याय ८) मंगलकलशकथानक श्री भावचन्द्रसूरिजी ९) मंगलकलशकथानक श्री लक्ष्मीसूरिजी १०) मंगलकलशकथानक अज्ञातकृत ११) मंगलकलशकथानक श्री हंसचन्द्रशिष्य
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