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________________ क्रम | | पिंडनियुक्ति ०२ मुद्रित ग्रन्थाः प्राचीन पांडुलीपि पर से संशोधन-संपादन करके गत वर्ष में प्रकाशित सभी ग्रंथो का विवरण इस विभाग में दिया गया है। प्राचीन श्रुतोद्धारक पू. आ. श्रीमद् विजयहेमचंद्रसूरीश्वरजी म.सा.की प्रेरणा से श्री जिनशासन आराधना ट्रस्ट द्वारा सेंकडो वर्ष टकाउ कागज पर प्रकाशित किये गये ग्रन्थरत्न | ग्रंथ नाम क्रम | ग्रंथ नाम | अनेकान्तजयपताका भाग १ थी ५ १७ | (हारिभद्रीय टीका, वीरगणी) | अनेकान्तवादप्रवेश १८ | बृहत्संग्रहणी उत्पादादिसिद्धि १९ | बृहत्क्षेत्रसमास उपमितिसारसमुच्चय २० | मरणविभक्तिप्रकीर्णक-१ कर्मग्रंथ (५, ६) २१ | महाप्रत्याख्यानप्रकीर्णक चतुःशरणप्रकीर्णक २२ | मुनिसुव्रतस्वामीचरित्र । चंद्रप्रज्ञप्ति भाग १-२ २३ | यतिदिनचर्या ०८ । | चंद्रप्रभचरित्र २४ | योगबिंदुश्लोकवार्तिक चंद्रावेध्यकप्रकीर्णक २५ | श्राद्धप्रतिक्रमणसूत्र तन्दुलवैचारिकप्रकीर्णक २६ | संवेगरंगशाला भाग-१ अने २ धर्मविधिप्रकरण २७ | सप्तभंगीनयप्रदीप धन्यचरित्र २८ | समाचारी | न्यायावतार २९ | सिरिवालकहा | पंचसूत्र . | स्थानांगदीपिका भाग-१-२ (नगर्षिगणि) | १५ | पांडवमहाकाव्य भाग-१ अने २ ३१ | स्याद्वादभाषा | १६ | पाक्षिकसूत्र १४ 119
SR No.523351
Book TitleAho shrutam E Paripatra 02 Samvat 2071 Meruteras 2015
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBabulal S Shah
PublisherAshapuran Parshwanath Jain Gyanbhandar Ahmedabad
Publication Year2015
Total Pages132
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationMagazine, India_Aho Shrutgyanam, & India
File Size3 MB
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