SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 1
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ श्रीवर्द्धमानाय नमः। अंक ६ भाग १५ जैनहितैषी चैत सं० २४४७ । अप्रैल सन् १९२१ विषय-सूची। १. नया सन्देश (सम्पादक) ... ... ... १६२-१६६ २. पण्डितगण और हतिहास (पं० नाथूराम प्रेमी) ... १६६-१६८ ३. संकट-निवारण फंडका ट्रस्टडीड (बा० अमित प्रसाद) १६६-१७ ४. नयचक्र और देवसेनसूरि (पं० नाथूराम प्रेमी) ... १७०-१७७ ५. महासभाके कानपुरी अधिवेशनका कच्चा चिट्ठा (बा. अजित प्रसाद) १७७-१८५ भगवत्कुन्दकुन्द और श्रुतसागर (पं० नाथूराम प्रेमी)... १८५-१८८ ७. विविध विषय १८८-१९११ प्रार्थनाएँ। १ जनहितैषी किसी स्वार्थबुद्धि से प्रेरित होकर निजी लाभके लिये नहीं निकाला जाता है। इसके लिये समय, शक्ति और धनका जो व्यय किया जाता है वह केवल निष्पक्ष और ऊँचे विचारोंके प्रचारके लिये; अतः इसकी उन्नतिमें हमारे प्रत्येक पाठकको सहायता देनी चाहिए। २ जिन महाशयोंको इसका कोई लेख अच्छा मालूम हो उन्हें चाहिए कि उस लेखको वे जितने मित्रोको पढ़कर सुना सके, अवश्य सुना दिया करें। ____३ यदि कोई लेख अच्छा न मालूम हो अथवा विरुद्ध मालूम हो तो केवल उसीके कारण लेखक व सम्पादकसे द्वेषभाव धारण न करने के लिये सविनय निवेदन है। ४ लेख भेजने के लिये सभी सम्प्रदायके लेखकोंको आमंत्रण है। सम्पादक। सम्पादक, बाबू जुगुलकिशोर मुख्तार । श्रीलक्ष्मीनारायण प्रेस, काशीर Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.522889
Book TitleJain Hiteshi 1921 Ank 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNathuram Premi
PublisherJain Granthratna Karyalay
Publication Year1921
Total Pages36
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Jain Hiteshi, & India
File Size6 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy