SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 1
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ श्रीवर्द्धमानाय नमः। अंक ५ भाग १५ जैनहितैषी More ___ फाल्गुन सं० २४४७ । मार्च सन् १६२१ विषय-सूची। १-जैनधर्म (ले. पं० नाथूरामजी प्रेमी) २-तीथोंके झगड़ोंका रहस्य (ले० पं० नाथूरामजी प्रेमी ) ३-हाथी गुफाका शिलालेख (ले० स्व० कुमार देवेन्द्र प्रसाद ) ४-सनातनी हिन्दू (म० गांधीके एक लेखका अनुवाद ) ५--दुष्प्राप्य और अलभ्य जैनग्रन्थ ( सम्पादक) ६-सेठ चिरंजीलालका दान (ले० पं. नाथूरामजी प्रेमी) ७-देवेन्द्र वियोग (सम्पादक) ८-पुस्तक परिचय १३० १३८ १४६ १५२ १५८ १५६ प्रार्थनाएँ। १ जनहितैषी किसी स्वार्थबुद्धि से प्रेरित होकर निजी लाभके लिये नहीं निकाला जाता है । इसके लिये समय, शक्ति और धनका जो व्यय किया जाता है वह केवल निष्पक्ष और ऊँचे विचारोंके प्रचारके लिये; अतः इसकी उन्नतिमें हमारे प्रत्येक पाठकको सहायता देनी चाहिए। २ जिन महाशयोको इसका कोई लेख अच्छा मालूम हो उन्हें चाहिए कि उस लेखको वे जितने मित्रोको पढ़कर सुना सके, अवश्य सुना दिया करें। ____३ यदि कोई लेख अच्छा न मालूम हो अथवा विरुद्ध मालूम हो तो केवल उसीके कारण लेखक व सम्पादकले द्वेषभाव धारण न करने के लिये सविनय निवेदन है। ४ लेख भेजने के लिये सभी सम्प्रदायके लेखकोंको आमंत्रण है। सम्पादक। सम्पादक, बावू जुगुलकिशोर मुख्तार । श्रीलक्ष्मीनारायण प्रेस, काशीर Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.522888
Book TitleJain Hiteshi 1921 Ank 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNathuram Premi
PublisherJain Granthratna Karyalay
Publication Year1921
Total Pages36
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Jain Hiteshi, & India
File Size6 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy