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________________ ( 4 लेखिका, श्रीमती बालाजी / पृष्ठसंख्या 100 से लिए बहुत ही उपयोगी हैं / यह गुजरातीके ऊपर / मूल्य आठ आने / प्रसिद्ध लेखक श्रीयुत अमृतलाल पढ़ियारकी स्वराज्यकी योग्यता / 'माडर्न रिव्यू 'के पुस्तकका अनुवाद है / मूल्य छह आने। सम्पादक श्रीयुत बाबू रामानन्द चट्टोपाध्यायकेशाही लकडहारा। उईके सुप्रसिद्ध लिखे हुए सुप्रसिद्ध ग्रन्थ 'टूवडू होमरूल' लेखक लाला शिवव्रतलाल वर्मा एम. ए. की का हिन्दी अनुवाद / ( प्रथम भाग।) इस विष- दिलचस्प पुस्तकका हिन्दी अनुवाद / मूल्य एक यका यह अद्वितीय ग्रन्थ है / बड़ी ही अकाट्य रुपया। युक्तियोंसे 'भारत स्वराज्यके योग्य नहीं है। सुख और सफलताके मूल सिद्धान्त / इस प्रवादका खण्डन किया गया है / प्रत्येक सुप्रसिद्ध अंगरेजी लेखक जेम्स एलनकी देशभक्तके पढ़नेकी चीज है / पृष्ठसंख्या 220 / / 1 'फोन्डेशन स्टोन्स टू हेप्पीनेस एण्ड सक्सेस' मूल्य सवा रुपया। नामक पुस्तकका अनुवाद / मूल्य ढाई आना / स्वराज्यकी पात्रता। मल्य पाँच आने / सुखकी प्राप्तिका मार्ग / जेम्स एलनकी राष्ट्रीय शिक्षा | मि० अरण्डल के व्याख्यानका अनुवाद / मू०) 'पाथ आफ प्रोसपेरिटी' का अनुवाद / स्वराज्यकी पात्रताके प्रमाण और अनुवादक, बाबू दयाचन्द गोयलीय बी. ए. पृष्ठसंख्या 80 / मूल्य :-) कार्य / मूल्य-)॥ देवी वसन्तका संदेशा -) // किशोरावस्था / लेखक, श्रीयुत गोपाल राष्ट्रनिर्माण शरणसिंह बी. ए. / जिन्होंने युवावस्थामें प्रवेश स्थानिक स्वराज्य - किया है, उन्हें अवश्य पढ़ना चाहिए। बड़ी धर्म और राजनीति -) अच्छी पुस्तक है / मूल्य // ) स्वराज्य क्यों चाहिए ) ज्योतिष शास्त्र। लेखक, श्रीयुत बाबू दुर्गास्वराज्यविचार प्रसाद खेतान एम. ए. कृत / अनेक चित्रोंसे हिन्दुस्थान की मांग युक्त / मूल्य दश आने / राष्ट्रीय स्वराज्य कर्मक्षेत्र / श्रीशशिभूषणसेनकृत बंगला हमारा भीषण ह्रास, लेखक-पं० मन्नन द्विवेदी पुस्तकका हिन्दी अनुवाद / इसमें निरुद्यमी, बी. ए. मू० ) उत्साहहीन और हतभाग्य भारतवासियोंको अन्यान्य विषयोंके ग्रन्थ। उत्साहित करके कर्मवीर बनाने का प्रयत्न किया सदाचार-सोपान / प्रतिभा. शान्ति की गया है। भारतवर्ष के अनेक महापुरुषों के चरित्र आदिके लेखक, श्रीयुत बाबू अविनाशचन्द्रदास / देकर इन बातोंको पुष्ट किया है / पृष्ठसंख्या एम. ए. बी.एल. की बंगला पुस्तकका अनुवाद / / 200 / मू० सादीका चौदह आने / सजिबहुत ही अच्छी शिवाप्रद पुस्तक है। मल्य।) ल्दक 13) राजा और रानी / इसमें सम्राट पंचम मिलनेका पताजार्ज और महाराणी मेरीके चरित्रसे मिलनेवाली व्यवस्थापक-हिन्दी-ग्रन्थरत्नाकर कार्यालय शिक्षाऑपर विचार किया गया है। विद्यार्थियों के हीराबाग, पो० गिरगाँव, बम्बई। (इस अंकके निकलनेकी ता० 20-1-1918 ई०)
SR No.522838
Book TitleJain Hiteshi 1917 Ank 12
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNathuram Premi
PublisherJain Granthratna Karyalay
Publication Year1917
Total Pages50
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Jain Hiteshi, & India
File Size12 MB
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