________________ लेखिका, श्रीमती बालाजी / पृष्ठसंख्या 100 से लिए बहुत ही उपयोगी है / यह गुजरातीके ऊपर / मूल्य आठ आने / . प्रसिद्ध लेखक श्रीयुत अमृतलाल पढ़िपारकी स्वराज्यकी योग्यता / 'माडर्न रिव्यू के पुस्तकका अनुवाद है / मूल्य छह आने। . सम्पादक श्रीयुत बाबू रामानन्द चट्टोपाध्यायके शाही लकड़हारा / उर्दूके सुप्रसिद्ध लिखे हुए सुप्रसिद्ध ग्रन्थ 'टूवडू होमरूल' लेखक लाला शिवव्रतलाल वर्मा एम. ए. की का हिन्दी अनुवाद / (प्रथम भाग।) इस विष- दिलचस्प पुस्तकका हिन्दी अनुवाद / मूल्य एक यका यह अद्वितीय ग्रन्थ है / बड़ी ही अकाट्य रुपया। युक्तियोंसे 'भारत स्वराज्यके योग्य नहीं है' सुख और सफलताके मूल सिद्धान्त '. इस प्रवादका खण्डन किया गया है / प्रत्येक सुप्रसिद्ध अँगरेजी लेखक जेम्स एलनकी दिशभक्तके पढ़नकी चीज है / पृष्ठसंख्या 220 / 'फोन्डेशन स्टोन्स टू हेप्पीनेस एण्ड सक्सेस', ल्य सवा रुपया / . नामक पुस्तकका अनुवाद / मूल्य ढाई आना। स्वराज्यकी पात्रता / मूल्य पाँच आने। सुखकी प्राप्तिका मार्ग / जेम्स एलनकी . राष्ट्रीय शिक्षा / मिठं अरण्डेलके , ल* 'पाथ आफ प्रोसपेरिटी' का अनुवाद / व्याख्यानका अनुवाद / मू०।) .. अनुवादक, बाबू दयाचन्द गोयलीय बी. ए. 'स्वराज्यकी पात्रताके प्रमाण और मेरे पृष्ठसंख्या 80 / मूल्य :-) कार्य / मूल्य -) / देवी वसन्तका संदेशा -) // किशोरावस्था / लेखक, श्रीयुत गोपाल . राष्ट्रनिर्माण शरणसिंह बी. ए. / जिन्होंने युवावस्थामें प्रवेश स्थानिक स्वराज्य किंगा है, उन्हें अवश्य पढ़ना चाहिए। बड़ी धर्म और राजनीति -) // अच्छी पुस्तक है / मूल्य॥४) स्वराज्य क्यों चाहिए -) // ज्योतिष शास्त्री लेखक, श्रीयुत बाबू दुर्गास्वाज्यविचार ) प्रसादं खेतान एम. ए. कृत / अनेक चित्रोंसे हिन्दुस्थानकी मांग -) युक्त / मूल्य दश आने / राष्ट्रीय स्वराज्य कर्मक्षेत्र / श्रीशशिभूषणसेनकृत बंगला हमारा भीषण ह्रास, लेखक-पं० मन्नन द्विवेदी पुस्तकका हिन्दी अनुवाद / इसमें निरुद्यमी, बी. ए. मू० ) उत्साहहीन और हतभाग्य भारतवासियोंको अन्यान्य विषयोंके ग्रन्थ। उत्साहित करके कर्मवीर बनाने का प्रयत्न किया a गया है / भारतवर्षके अनेक महापुरुषोंके चरित्र सदाचार-सोपान / प्रतिभा, शान्तिकुटीर पर देकर इन बातोंको पुष्ट किया है / पृष्ठसंख्या आदिके लेखक, श्रीयुत बाबू अविनाशचन्द्रदास / 200 / मू० सादीका चौदह आने / साजएम. ए. बी.एल. की बंगला पुस्तकका अनुवाद / बहुत ही अच्छी शिक्षाप्रद पुस्तक है / मूल्य / ) " राजा और रानी / इसमें सम्राट पंचम मिलनेका पताजार्ज और महाराणी मेरीके चरित्रसे मिलनेवाली व्यवस्थापक-हिन्दी-ग्रन्थरत्नाकर कार्यालय, शिक्षाओंपर विचार किया गया है। विद्यार्थियोंके हीराबाग, पो० गिरगाँव, बम्बई / . (इस अंकके निकलनेकी ता. 3-1-1918 ई० ) Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org