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HABAIIALIBABITA L BHAILIBHARA
बम्बई शहर और जैन-जनता பாயாயாயாயாயாயாயா
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तरहके गर्भ सम्बन्धी रोगोंसे आक्रान्त होकर वाली कोठरियाँ बनाई जायँ जिससे गरीब लोग दुःख भोगते भोगते बरसों बाद मरती हैं । इसका भी अच्छे आरोग्यप्रद स्थानोंमें रह सकें, २ दो कारण यथेष्ट आरोग्यप्रद स्थानका और सेवा- चार अच्छी व्यवस्थावाले 'जैन-प्रसूतिगृह' खोले शुश्रूषाका अभाव जान पड़ता है। यहाँ 'रुक्मणि
जायँ, जिनमें साधारण लोग अपनी स्त्रियोंको प्रसूतिगृह' नामकी एक संस्था है। उसमें जिन स्त्रियोंकी प्रसूति होती है उनमेंसे प्रतिशत केवल
भेजकर उनकी रक्षा कर सकें। ३ बम्बईसे २ स्त्रियाँ मरती हैं: परन्त जो स्त्रियाँ अपने घरों में बारहके आरोग्यप्रद स्थानोंमें जैन भाइयोंके ही बच्चा जनती हैं उनमेंसे प्रतिशत ४० मर लिए आरोग्य-भवन खोलना, जिनमें लोग जाती हैं!
बीमारी आदिके समय जाकर रह सकें और आ___३ लोग आरोग्यताके और शरीररक्षाके राम पासकें । ४ आरोग्यताके नियमोंका ज्ञाननियमोंको बहुत कम जानते हैं । कसरत करने विविध उपायोंसे फैलाया जाय । ५ जैन हास्पि
और शुद्ध हवामें रहनेकी ओर लोगोंका ध्यान टल और दवाखाने खोले जायँ, जहाँ बिनामूल्य नहीं है।
दवा दी जाय और रोगियोंकी परिचर्या भी की ४ बाल्यविवाह वृद्धविवाह आदि कुरीति- जाय । ६ बाल्यविवाह आदि कुरीतियाँ बन्द याँ भी जनसंख्याके ह्रासमें बहुत सहायता की जाय । करती हैं । इन दोनोंसे विधवाओंकी संख्या
इस लेखपर बम्बईके ही नहीं और और बढ़ती है । इसके सिवाय छोटी छोटी तेरह तेरहचौदह चौदह वर्षकी लड़कियाँ गर्भधारण कर लेती शहरोंके लोगोंको भी ध्यान देना चाहिए। हैं । इसका फल यह होता है कि प्रसतिके समय और वहाँकी मृत्युसंख्या आदिके जाननेका यत्न या तो वे मरणशरण हो जाती हैं या हमेशाके करना चाहिए । रिपोर्टमें बतलाया गया है कि लिए बीमार बन जाती हैं।
जैनोंका बहुत बड़ा भाग शहरोंमें रहता है । ___ इसके लिए कई उपाय भी बतलाये गये १०० मेंसे लगभग ३३ जैन शहरोंके रहने हैं-१ सस्ते किरायेकी स्वच्छ वायु और प्रकाश वाले हैं ।
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