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बोलपुरका शान्तिनिकेतन ब्रह्मचर्याश्रम।
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भी इसी विषयको पढ़ाते हैं। यहाँ सरकारी स्कूलोंकी अपेक्षा यह विशेषता है कि सब बातें बंगलाभाषामें प्रत्यक्ष दिखलाई और समझाई जाती हैं। बंगला—श्रीयुत बाबू क्षितिमोहनसेन एम. ए पढ़ाते हैं ।
इतिहास और भूगोल-इन दोनों विषयोंके अध्यापक श्रीयुक्त प्रमोदरञ्जनराय एम. ए. बी. टी. हैं । यहाँ ये विषय आम स्कूलोंकी तरह रटाये नहीं जाते हैं, किन्तु इनके पढ़ानेका जो वास्तविक फल है वही छात्रोंको प्राप्त कराया जाता है।
इंग्लिश-मि० एण्ड्रूज एम. ए. ( अंगरेज ), मि० पियरसन और बाबू नेपालचन्द्र राय बी. एल. पढाते हैं। तीसरी कक्षा तकके लड़कोंको इस विषयकी कोई भी पुस्तक पढ़नेके लिए नहीं दी जाती है। मगर वे अपने काम चलाने योग्य अच्छी तरह बोल सकते हैं। कारण इसका यह है कि मास्टर लोग उनको नियत समय तक सिर्फ अँगरेजीमें ही बातचीत करना सिखलाते हैं । हाँ, अँगरेजी शब्दादि लिखना अवश्य ही सिखला दिया जाता है। इससे आगे प्रत्येकके लिए दो दो घण्टे नियत हैं। पहले घण्टेमें केवल ट्रान्सलेशन और कम्पोजीशन सिखलाया जाता है और दूसरेमें Fast reading अर्थात् शीघ्रतासे पढ़ना, साथ ही उसमें आये हुए शब्दोंके अर्थ व मुहाविरे भी बतलाये जाते हैं। अगरेज़ीके वाक्योंका अपनी भाषामें शब्दशः अनुवाद नहीं करवाया जाता है केवल उनका भावार्थ पूछ लिया जाता है। इससे छात्रोंकी विवेचनाशक्ति बढ़ती है। वर्ष भरमें लड़के आठआठ दशदश
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