SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 2
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ परवार जातिके दो वरोंकी आवश्यकता परवार जातिकी दो कन्याओंके लिए सुयोग्य वरोंकी आवश्यकता है। एक कन्याका जन्म वैशाखसुदी ९ सं० १९९९ का और दूसरीका अगहनवदी ८ सं० १९६१ का है। दोनों बहिनें हैं ! चार कक्षा तक हिन्दी पढ़ी हुई और सुन्दर हैं। अच्छे घरकी हैं। बर योग्य, सुशील और शिक्षित होने चाहिए । सांकें नीचे दीजाती हैं। यदि आठ सांकें न मिलें, तो कन्याओंके अभिभावक चार ही सांकोंमें विवाह करनेके लिए तैयार हैं। विवाह जैनपद्धतिसे होगा। पत्रव्यवहार - " बजाज C/o सम्पादक जैनहितैषी, गिरगाँव, बम्बई " के पतेसे करना चाहिए । पत्रमें वरकी उम्र, शिक्षा, आर्थिक अवस्था, सांर्के आदि सबका खुलासा करना चाहिए । 1 ५ लडकीके मामा, डेरिया ६ नानाके मामा, वीवीकुटम ७ मातारीके मामा, उजरा ८ नानीके मामा, अंडेला १ मूर, दुगायत बाझल्ल गोत २ आजेके मामा, कुआ ३ बापके मामा, बहुरिया ४ आजी के मामा, डाहडिम स्त्रियोंके पढ़ने योग्य नई पुस्तकें । २ वीरवधू-मूल्य 11) ४ शान्ता मूल्य 11) ६ कन्या- पत्रदर्पण - मूल्य ।) १ सरस्वती उपन्यास मूल्य १) १३ आदर्श परिवार मूल्य ।।) ५ लक्ष्मी-मूल्य ।) ७ कन्या-सदाचार-मूल्य ।) ८ वनवासिनी मूल्य । ) ९ गृहिणीभूषण ॥) मँगानेका पता मैनेजर, जैनग्रन्थरत्नाकरकार्यालय, गिरगांव बम्बई Printed by Nathuram Premi at the Bombay Vaibhav Press, Servants of India Society's Building, Sandhurst Road, Girgaon Bombay, & Published by Nathuram Premi at Hirabag, Near C. P. Tank Girgaon, Bombay. Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.522807
Book TitleJain Hiteshi 1914 Ank 09
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNathuram Premi
PublisherJain Granthratna Karyalay
Publication Year1914
Total Pages72
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Jain Hiteshi, & India
File Size7 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy