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जैनहितैषीwwwmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmm
किन्तु फर्याद है । यदि कोई जैन किसी और कारणसे फाँसी पर लटकाया दिया जाता तो हम लोग उसके लिए इस तरह की मँगनी न करते; परन्तु जब एक जैन–सुशिक्षित जैन ग्रेज्युएट पर राजद्रोहका सन्देह प्रकट किया जा रहा है और इससे सारी जैनजाति पर-जिसमें आज तक कभी किसी प्रकारके राजद्रोहकी घटना नहीं हुई है, जिसको बड़े बड़े ब्रिटिश अधिकारी शान्तसे शान्त राजभक्त प्रजा बतलाते हैं और जिस जातिमें सारी दुनियाकी सारी जातियोंकी अपेक्षा छोटेसे छोटे अपराध भी बहुत ही कम होते हैंएक भयंकर कलंक लगाया जा रहा है, तब यह पुकार उठानी पड़ी है और कहना पड़ा है कि या तो अर्जुनलालजी सेठी पर नियमानुसार राजद्रोहका अपराध प्रमाणित करके उन्हें कठिन दण्ड दो. या दयाके लिए नहीं किन्तु देशके गौरवके लिए, न्यायके लिए, प्रजापालनके ऊँचे धर्मकी रक्षाके लिए उन्हें निर्दोष प्रकट करके शीघ्र छोड़ दो। __ राजद्रोह ? जयपुरमें राजद्रोहः? बिलकुल झूठ ! सर्वथा असंभव ! ब्रिटिश शासनके असाधारण राजनिष्ठ जयपुर राज्यमें राजद्रोहियोंके रहने या जन्म लेनेकी बात कहना एक तरहसे जयपुर राज्यका अपमान या ' लाइबल' करना है । यूरोपमें लड़ाईका प्रारंभ होते ही जो मारवाड़ी ढूँढारी जैन अपने अपने गाँवोंको नौ दो ग्यारह हो गये थे, उस डरपोक जातिके जैनबालकोंमें-और सो भी उसमें, जिसकी अँगरेजी विद्याके जीतोड़ परिश्रमसे शारीरिक सम्पत्ति बिलकुल लुट गई है-खून और राजद्रोह करनेकी शक्तिकी क्या कभी
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