________________
महावीरस्वामीका निर्वाणसमय।
अवस्था (5 वर्ष की थी. इसमें किमीको भी विवाद नहीं है । इससे ज्ञात होता है कि यदि महावीर स्वामीका ई० सन्से ५२७ वर्ष पूर्व निर्वाण हुआ तो बुद्धदेवकी उस समय केवल ३० वर्षकी अवस्था होगी: परंतु इसको मत्र कोई मानते हैं कि ३६ वर्षकी अवस्थाले पहले न तो गौतमको वोध हुआ था और न उनके अनुयायी ही हुए थे. अतएव महावीर स्वामीका उनसे मिलना नितान्त असम्भव है । इसके अतिरिक्त कहा जाता है कि ये दोनों नहात्मा अनानशत्र. श्रेणिकके पुत्र कुणिक ) के राज्यकालमें हुए और अजातशत्रु बुद्धदेवकी मृत्युमे । वर्ष पूर्व राज्यसिंहासन पर बैठा
और उसने १२ वर्ष तक राज्य किया । इससे महावीर स्वामी और बुद्धदेवके निर्वाणकालमें बड़ा संदेह मालूम होता है । या तो महावीर स्वामीका समय आगे बढ़ाया जाय, या बुद्धदेवका समय पीछे हटाया जायः परंतु बद्धदेवका समय विलकुल गिना हुआ है और महावीर स्वामीका समय केवट, अनमान किया हुआ है। अतएव हम बुद्धदेवके मृत्युसमय पर मंदह न करके महावीर स्वामीके मृत्यममय पर संदेह करते हैं।
यद्यपि बद्धवके मन्युममयके विषयमें भी विद्वानोंका मतभेद है: विमट स्मिथ तथा अन्य अनेक विद्वानोंने अभी हालमें खोज वाग से यह निश्चय किया है कि ई० मन् मे ४८७ वर्ष पूर्व युद्धऔर नित्यु हुईः परंतु मैं उनमें महमत नहीं हूँ * । यदि थोड़ी र उक्त विद्वान्ने अंगरेजी लेखमें बुद्धदेवके निर्वाण कालके विपयने अनेक कियाँ दी हैं जिनको हमने पाठकोंके लिए विशेष उपयोगी न देखकर छोड़ दी प। जिन महाशायोंको इस विषयमें अधिक सचि हो वे मूल लेखको देखें । और घर केवल लेखकका आशय और अभिप्राय दिया है।
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org