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________________ १२४ जैनहितैषी १३ दानवीर सेठ माणिकचन्द यांचे जीवनचरित्र-प्र०, बन्दे जिनवरम् प्रेस, निपाणी (बेळगांव)। १४ श्रीमद्विजयानन्द द्वात्रिंशिका (संस्कृत)-सोहनलाल बत्तनलाल जौहरी, देहली। १५ महावीरचरित्र-ले०, ब्रह्मचारी शीतलप्रसादजी। प्र०, पं०. पन्नालालजी जैन, मैदागिनी जैनमन्दिर, बनारस । १६ दशलक्षण धर्म कथासहित (हिन्दी) प्रकाशक, १७ त्रेपन क्रिया विवरण दिगम्बर जैन पुस्तकालयं १८ उपदेश माला सूरत। १९ भारतीय किसान प्रकाशक, बाबू नारायण२० मनुष्य के कर्तव्यका परिचय ' प्रसाद अरोड़ा बी. ए. २१ अमेरिकाका गृहप्रबन्ध J कानपुर २२ सप्तव्यसननिषेध-प्र०, मूलचन्द बड़कुर, दमोह ( सी. पी.) २३ तीन वर्षकी रिपोर्ट-जैन अनाथरक्षक सुसाइटी, देहली। २४ जैनपुष्पमाला-प्र०, पन्नालाल जैनी, बिसाना, हाथरस । २५ रत्नाकरपच्चीसी-प्र०, मावजी दामजी शाह, जैन हाईस्कूल, बम्बई । २६ देवपरीक्षा-प्र०, आत्मानन्द पुस्तकप्रचारक मंडल, देहली। २६ हूँढकमतके नेता-प्र०, वसन्त, सिकन्दराबाद ( बुलन्दशहर )। समाचार । -श्रीयुत बाबू जुगमंदरलालजी जैनी एम. ए. बैरिस्टर एट्ला इन्दौरकी चीफ कोर्टके सेकिन्ड जज नियत हुए हैं। -इटावाका 'जैनतत्त्व प्रकाशक' फिर निकलने गगा है । तीन चार अंक निकल गये हैं । बाबूचन्द्रसेनजी सम्पादन करते हैं । -सत्यवादीका सम्पादन-कार्य पं० उदयलालजीने छोड़ दिया है । अब पं० खूबचन्द्रजी शास्त्री उसका सम्पादन करेंगे। -यूरोपका महाभारत खूब जोरशोरसे जारी है । फिलहाल शान्तिकी कोई आशा नहीं। -इन्दौरका श्राविकाश्रम भी खुल गया। -स्याद्वादपाठशालाका वार्षिकोत्सव सफलताके साथ पूर्ण हुआ । Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.522801
Book TitleJain Hiteshi 1914 Ank 01 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNathuram Premi
PublisherJain Granthratna Karyalay
Publication Year1914
Total Pages144
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Jain Hiteshi, & India
File Size12 MB
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