SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 1
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Reg. No. B. 719. जैनहितैषी। साहित्य, इतिहास, समाज और धर्मसम्बन्धी लेखोंसे विभूषित मासिकपत्र। सम्पादक और प्रकाशक-नाथूराम प्रेमी, हीराबाग, बम्बई नं. ४. दशवाँ भाग। श्रावण श्रीवीर नि० संवत् २४४० १० वाँ अंक। पृष्ठ RECGन्द्रल ५८३ विषयसूची। १ गंतगौरवकी स्मृति (कविता).. २ महाकवि वल्लुवर और उनका कुरल काव्य ३ जीवनका विचित्र परिवर्तन (गल्प ) ४ चरित्रगठन और मनोबल ... ५. डाक्टर जैकोबीका व्याख्यान - ६ सांख्यदर्शन ... ... ... ७ विविध प्रसंग ... ६२८ केशर-काश्मीरकी केशर जगत्प्रसिद्ध है। नई दर १) तोला । सूतकी मालाये-सूतकी माला जाप देने के लिए सबसे अच्छी समझी जाती हैं । दर एक रुपयेमें दश माला। दीपमालिका उत्सवके कार्ड और नोटपेपर शीघ्र मंगाईये ! दर चार आना सैकड़ा। و من مويه पत्रव्यवहार करनेका पता श्रीजैनग्रन्थरत्नाकर कार्यालय, हीराबाग, पो. गिरगांव-बम्बई। Main Education International ted by Ganpat Narayan Kulkarni at his Karnatak Press,
SR No.522798
Book TitleJain Hiteshi 1913 Ank 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNathuram Premi
PublisherJain Granthratna Karyalay
Publication Year1913
Total Pages66
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Jain Hiteshi, & India
File Size7 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy