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लेखक
विशेष
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संख्या शोध-निबन्ध शीर्षक
भाषा १. जनविद्री अर्थात् श्रवणबेलगोल हिन्दी
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डा० हीरालाल जैन
। नास"
जानकारी के स्रोत जैन सिद्धान्त भास्कर, आरा (बिहार) ६।४।२०१-२०४
इस निबन्ध के अनुसार श्रवणवेलगोल का अर्थ है जैन मुनियों का धवलसरोवर। इस लेख में लेखक ने श्रवणवेलगोल के प्राचीन इतिहास तथा चन्द्रगुप्त-चाणक्य आदि के जैन होने सम्बन्धी अनेक प्रमाण प्रस्तुत किये हैं। गोम्मट शब्द की त्युत्पत्ति पर विशेष विचार । यथा-मन्मथ, गम्मह, गम्मट, गोम्मट ।
२. श्रवणवेलगोल एवं यहाँ की
श्री गोम्मट मूर्ति
हिन्दी
प० के० भुजबलिशास्त्री जै० सि० भा०
६।४।२०५-२१२
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३. श्री बाहुबलि की मूत्ति गोम्मट हिन्दी
क्यों कहलाती है। ४. गोम्मट शब्द की व्याख्या हिन्दी
Vaishali Institute Research Bulletin No. 4
गोम्मट शब्द की कई दृष्टियों से त्युत्पत्ति एवं विकास का अध्ययन । श्रवणवेलगोल के शिलालेखों का ऐतिहासिक अध्ययन ।
५. श्रवणवेलगोल के शिलालेख
हिन्दी
६. श्रवणवेलगोल के शिलालेखों
में भौगोलिक नाम
श्री गोविन्द पै जै० सि० भा०
४२ डा० ए० एन० उपाध्ये जै० सि० भा०
सारा८५-९० डा० कामताप्रसाद जैन जै० सि० भा०
६।४।२३३-२४१ , , , जै० सि० भा०
८।१।१०-१६ तथा
बारा८१-८४ बी० आर० रामचन्द्र जै०सि० भा० दीक्षित
८।१।३९-४३ पं. नेमिचन्द्र जैन ज.सि. भा० (डा० नेमिचन्द्र शास्त्री) ६।४ २६१-२६६
हिन्दी
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७. श्रवणबेलगोल के शिलालेखों में हिन्दी
कतिपय जैनाचार्य ८. गोम्मटमूर्ति की प्रतिष्ठाकालीन हिन्दी
कुण्डली का फल