________________
Jain Education Internation
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org
१०.
११.
१२.
ன்
गोम्मटस्वामी की सम्पत्ति का गिरवी रखा जाना ।
वेणुरु
The Mastakabhiseka
of Gommteswara at
Śrawana belgola.
The Date of the
Consecration of the Image of the Gommoteswara.
Srawana belgola. Its secular importance.
हिन्दी
हिन्दी
English (Research
paper)
English
English
पं० जुगलकिशोर मुख्तार जै० सि० भा० ६।४।२४२-२४४
पं० के० भुजब लिशास्त्री जैन सि० भा०
५।४।२३४-२३६
Prof. M. H. Krshna Jaina Antiquary
Vol. V, No. IV,
P. P. 101-106.
Jaina Antiquary
Vol. V, No. IV,
P. P. 107-114
S. Sri Kantha Shastri
Dr. B. A. Saletore
Jaina Antiquary, Vol. V, No. IV, P. P. 115-122.
श्रवणबेलगोल के ताम्रपत्र लेखन संख्या १४० तथा मण्डप के शिलालेख संख्या ८४ के आधार पर लिखित आश्चर्यचकित कर देनेवाला निबन्ध |
उक्त दोनों अभिलेख कन्नड़ भाषा में लिखित हैं ।
इस निबन्ध में बताया गया है कि कारकल के भररत वंश के तत्कालीन शासक ने इग्गडिभैरवराय वीर तिम्मण अजिल (चतुर्थ) को कारकल के गोम्मटेश की कीर्ति को बनाये रखने हेतु आदेश भेजा कि वह वेणुरु में गोम्मटेश की स्थापना न करके उसे कारकल भेज दे । किन्तु वीर तिम्मण ने उसका आदेश नहीं माना ।
बाहबलि-कथा का विकास एवं तद्विषयक साहित्य : एक सर्वेक्षण
105