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________________ २८. बाहुबलिचरित्र - संस्कृत Jain Education International - । । जैसलमेर शास्त्र भण्डार जैसमेलर (राजस्थान) डैकन कॉलेज ग्रन्थागार, पूना २९. भरतचरित्र प्राकृत ३०. आदिनाथचरित्र ३१. गोम्मटेशचरित्र वर्धमानसूरि प्राकृत - कन्नड़ । Jaina Antiquary Vol. V. No. IV, P. P. 144-146. ३२. स्थलपुराण ३३. बाहुबलि ।। - सं० अप० एवं जूनी-गुज० For Private & Personal Use Only भण्डारकर ओरियण्टल रिसर्च इंस्टीट्यूट, पूना में सुरक्षित जै० सि० भास्कर में दृष्टव्य २।४।१५९-६०. बाहुबलि-कथा का विकास एवं तद्विषयक साहित्य : एक सर्वेक्षण ३४. बाहुबलिशतक १९३५ ई० - महेशचन्द्र प्रसाद हिन्दी (आरा वाले) जिस प्रकार बाहुबली के चरित्र से प्रभावित होकर विभिन्न कवियों ने विविध कालों एवं भाषाओं में तद्विषयक साहित्य प्रणयन किया, उसी प्रकार आधुनिक काल के अनेक शोध-प्रज्ञों एवं कलाकारों ने बाहुबली-चरित तथा तत्सम्बन्धी इतिहास, कला, संस्कृति, साहित्य, भूगोल, पुरातत्व, शिलालेख आदि विषयों पर शोध-निबन्ध भी लिखे हैं। उनके अध्ययन से बाहुबली के जीवन के विविध अंगों पर प्रकाश पड़ता है। ऐसे निबन्धों की सख्या शताधिक है। उनमें से कुछ प्रमुख निबन्ध निम्न प्रकार हैं :---- 103 www.jainelibrary.org
SR No.522604
Book TitleVaishali Institute Research Bulletin 4
Original Sutra AuthorN/A
AuthorR P Poddar
PublisherResearch Institute of Prakrit Jainology & Ahimsa Mujjaffarpur
Publication Year1983
Total Pages288
LanguageEnglish, Hindi
ClassificationMagazine, India_Vaishali Institute Research Bulletin, & India
File Size5 MB
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