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288 VAISHALI INSTITUTE RESEARCH BULLETIN NO. 1
भारतीय तथा विश्व के इतर धर्मों के बारे में अंग्रेजी आदि भाषामों में अनेक पुस्तकें पठनीय हैं। कई भारतीय भाषाओं में भी इस विषय की पुस्तकें उपलब्ध हैं, तथापि मैं यहाँ तो दो पुस्तकों का निर्देश करना योग्य समझता हूँ, जो इस विषय के जिज्ञासुओं के लिए खास पठनीय हैं। पहली पुस्तक है श्री जे० ए० मॅक्यूलोश-लिखित Religion : Its Origin and Forms (The Temple Primers, London, 1904). दूसरी पुस्तक गुजराती में जिसका नाम है 'धर्मवर्णन' (प्रकाशक : प्राच्यविद्या मंदिर, बड़ौदा)। इसके लेखक सुप्रसिद्ध विद्वान् स्वर्गीय डॉ० आनन्दशंकर बापूभाई ध्रुव हैं । निस्सन्देह डॉ० ध्रुव की यह पुस्तक इतनी अधिक प्रामाणिक पौर उपयोगी है कि कम से कम सभी जिज्ञासु भारतवासियों के लिए यह पठनीय है ।
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