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________________ 72 अह मंदराउ जणनयणपिउ..... अह मंदराउ जणनयणपिउ ओछप्पिणी अवसप्पिणि न तहिं नाहेय बाहुबलि - भरह - जया तत्थत्थि अमुणियविवक्खभउ जो जलनिहि व्व रयणुद्धरणु घणनंदणवणसंछइयदिसु कणकणिरदसणसीयलसलिलु विलसंतपवणकंपियसरलु तरलच्छि-छेत्तठियहलियवहु पहसंतरमियगामीणजणु घत्ता मणिसारहिँ तिहिं पायारहिं परिहामंडलि जलपयरि । बहुभोयहिँ मंडियलोयहिँ अत्थि पुंडरिंकिणि नयरि ।। अपभ्रंश भारती 21 पुव्वासए पुव्वविदेहु थिउ । लोयाहिव उपज्जंति जहिं । अरहंत-सिद्ध-चक्कवइ सया । नामेण पुक्खलावड़ विसउ । घरसिंगलग्ग - पज्झरियघणु । दिसमाणरिद्धि-हल्लिरकणिसु । सुललियकोइलसरभरियबिलु। सरलुप्फिडंत - हरिणी - तरलु । बहुविंभियपंथियरुद्धपहु । जणयाहिलासनायरमिहुणु । - महाकवि वीर जंबूसामिचरिउ, 3.1 मंदराचल से पूर्व दिशा में लोगों के नेत्रों को प्यारा पूर्वविदेह स्थित है। वहाँ उत्सर्पिणीअवसर्पिणी रूप से कालचक्र के आरे नहीं बदलते, तथा वहाँ लोक के नाथ तीर्थंकर (सदैव ) उत्पन्न होते रहते हैं। वहाँ नाभेय जिन (ऋषभनाथ), बाहुबलि, तथा भरत जैसे अरहंत, सिद्ध एवं चक्रवर्ती सदैव विद्यमान रहते हैं। वहाँ शत्रु के भय को न जाननेवाला पुष्कलावती नाम का देश है, जो जलनिधि के समान रत्नों को धारण करनेवाला है, जहाँ घरों के शिखरों से टकराकर बादल झरने लगते हैं। घने नंदनवन से वहाँ की दिशाएँ आच्छादित हैं तथा शस्य के कंपनशील तीक्ष्ण- अग्रभागों से उसकी समृद्धि दृश्यमान है। जहाँ दाँतों को कंपायमान करनेवाला शीतल पवन बहता है और कोकिला के सुमधुर स्वर से सब कंदर-विवर भर जाते हैं; क्रीड़ापूर्वक बहता हुआ वायु, सरल (सीधे) वृक्षों को कंपित कर देता है, चंचल हरिणियाँ सीधी छलाँग लगाती हैं और जहाँ खेतों में खड़ी हुई चंचल आँखोंवाली हालि (कृषक) वधुओं को देखकर अत्यन्त विस्मित हुए पथिकों से मार्ग अवरुद्ध हो जाता है तथा जहाँ ग्रामीणजन अत्यन्त प्रमोदपूर्वक रमण करते हैं, और जो नागरिकों के जोड़ों को ( वहाँ रहने की ) अभिलाषा उत्पन्न करता है। घत्ता उस देश में मणिजटित - प्राकार व जलप्रसार से युक्त परिखामंडल सहित तथा अनेक प्रकार के भोग भोगनेवाले लोगों से मंडित पुंडरिंकिणी नाम की नगरी है। अनु. डॉ. विमलप्रकाश जैन
SR No.521864
Book TitleApbhramsa Bharti 2014 21
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamalchand Sogani
PublisherApbhramsa Sahitya Academy
Publication Year2014
Total Pages126
LanguageSanskrit, Prakrit, Hindi
ClassificationMagazine, India_Apbhramsa Bharti, & India
File Size7 MB
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