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अपभ्रंश भारती 19
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95. हवा
मरु (पु.) वाउ (पु.) समरिण (पु.) हत्थ (पु. नपुं.)
(1.5.2) (2.17.6) (3.8.7) (13.11.घ.)
96. हाथ
पवण (पु.) (1.4.4) मारुअ (पु.) (1.6.6) वाय (पु.) (3.7.1) पाणि (पु.) (8.5.8) कर (पु.) (15.3.7) गअ (पु.) (1.5.4) हत्थि (पु. स्त्री.) (4.1.3) करि (पु.) (10.10.3) गइन्द (पु.) (11.7.3) कुम्भि (पु.) (20.2.3)
97. हाथी
कुञ्जर (पु.) वारण (प.) तम्वरेम (पु.) णाअ (पु.) दंति (पु.)
(1.6.4) (4.8.2) (11.5.5) (16.4.6) (8.1.4)
1. पउमचरिउ (हिन्दी अनुवादसहित) - सं. - डॉ. एच.सी. भायाणी, अनु. -
डॉ. देवेन्द्रकुमार जैन, प्रकाशक - भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशन 2. पउमचरिउ (मूल) - सं. डॉ. एच.सी. भायाणी, प्रकाशक - सिंघी जैन शास्त्र शिक्षापीठ,
भारतीय विद्याभवन, मुम्बई 3. अपभ्रंश हिन्दी कोश - डॉ. नरेशकुमार, डी. के. प्रिंटवर्ल्ड (प्रा.) लि., दिल्ली
अपभ्रंश साहित्य अकादमी
जयपुर
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