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________________ 18 अपभ्रंश भारती 19 पंकय-छत्त-दण्ड सर णियरेंहिं। सिहि-साहुलउ महीहर-सिहरेहिँ। कुसुमा-मञ्जरि-धय साहारेंहिं । दवणा-गण्ठिवाल केयरेंहिं। वाणर-मालिय साहा वन्देंहिं। महुवर मत्तवाल मयरन्देंहिं । मञ्जुताल कल्लोलावासेहिँ। भञ्जा अहिणव-फल-महणार्सेहि। पेक्खेंवि एन्तहों रिद्धि वसन्तहों महु-इक्खु-सुरासव-मन्ती। गम्मय-वाली भुम्भल-भोली णं भमइ सलोणहों रत्ती ।14.2। सूर्यास्त का बिम्ब उपमान सज्जित अलंकृत शैली में साकार हो उठा है - सहसकिरणु सहसत्ति णिउड्डेवि। आउ णाइँ महि-वहु अवरुण्डेवि। राम द्वारा अंगद के माध्यम से रावण को भेजा गया संदेश 'रूपक' का अन्यतम उदाहरण है - कुम्भकर्णरूपी सूंड से सजा दशमुखरूप हस्ति और रामरूप सिंह। समर की परिकल्पना भोज के रूप में करते हुए कवि आयुधों को व्यंजनरूप में देखता है - तीखे तीर भात, मुक्के और चक्र घृत-धारा, सर-झसर और शक्ति सालन, तीरिय-तोरभ कढ़ी, मुद्गर और मुसुंढी पत्तों का साग, सव्वल-हुलि, हल, करवाल, ईख की जगह तथा फर कणय-कोंत और कल्लवण चटनी - दुप्पेक्ख तिक्ख-णाराय-भत्तु । कण्णिथ-खुरुप्प-अग्गिमउ देत्तु । मुक्केक्क-चक्क-चोप्पडय धारु। सर-झसर-सत्ति-सालणय-सारु । तीरिय-तोमर-तिम्मण -णिहाउ। मोग्गर-सुसुण्ढि-गय-पत्त-साउ। सव्वल-हुलि-हल-करवाल-इक्खु। फर-कणय-कोन्त-कल्लवण-तिक्खु।58.6। काल 'पउमचरिउ' में महानाग के रूपक में उपस्थित है - विसमहाँ दीहरहों अणिट्ठियहाँ। तिहुयण-वम्मीय-परिट्ठियहाँ। को काल-भुयंगहों उव्वरइ। जो जगु जें सव्वु उवसंघरइ ।78.2। उत्सर्पिणी-अवसर्पिणी इन दो नागिनों से घिरा है यह कालनाग। साठ संवत्सर उसके साठ पुत्र हैं जिनकी दो पत्नियाँ - उत्तरायण-दक्षिणायन नाम से प्रसिद्ध हैं। चैत्र से फागुन तक उसके छः विभाग हैं। श्लेष - ‘पउमचरिउ' का एक अन्य आलंकारिक वैशिष्ट्य है - श्लेषपरक शब्दावलियों का प्रयोग। काव्य में अर्थ की समृद्धि बढ़ाने, उसमें एकात्मकता लेआने में श्लेष कितनी सक्रिय भूमिका का निर्वाह करता है, इसे ‘पउमचरिउ' में सहज ही देखा जा सकता है। परस्पर-विरोधवाले दो अर्थ सूचित करनेवाले शब्द भाषा में नहीं होते तो
SR No.521862
Book TitleApbhramsa Bharti 2007 19
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamalchand Sogani, Gyanchandra Khinduka
PublisherApbhramsa Sahitya Academy
Publication Year2007
Total Pages156
LanguageSanskrit, Prakrit, Hindi
ClassificationMagazine, India_Apbhramsa Bharti, & India
File Size7 MB
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