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________________ अपभ्रंश भारती 17-18 25 दोष (अपराध) करनेवालों के प्रति रोष का त्याग करना चाहिए। उत्तम क्षमा से धर्म को अलंकृत करना चाहिए। जातिमद आदि मान का अपहरण करनेवाली मार्दववृत्ति धर्मका आभूषण है। काय, वाक् और मन का अवक्र (निष्कपट, सरल) योग आर्जवभाव में ही होता है और उसी में धर्म स्थित रहता है। पात्र आदि परिग्रह के प्रति लोभ त्यागनेवाले तथा शुद्धाचारपरायण व्यक्ति का ही शौच धर्म सच्चा होता है। सत्पुरुषों के साथ साधु-संभाषण ही सत्यधर्म है जो अधर्म का विनाश करनेवाला है। दुर्दम इन्द्रियलोलुपता का निरोध करना यह संयम नाम का धर्म है जो मन का निग्रह करनेवाला है। कर्मक्षय के निमित्त निरपेक्ष (निष्काम) भाव से तप का संचय करनेवाला व्यक्ति ही पापों का क्षय करता है। शील से विभूषित व्यक्तियों को जो योग्य दान दिया जाता है उसे त्यागधर्म कहा जाता है। यह मेरा है' इस मति को छोड़ देना परिवर्जित-किंचित्व अर्थात् आकिंचन्य धर्म कहलाता है। जो नव-विध ब्रह्मचर्य रक्षण करता है, वह धर्म (रूपी पर्वत के शिखर) पर चढ़कर मोक्ष-लक्ष्मी प्राप्त करता है। ___ अणुवेक्खाउ एम भावंतहो निम्मलझाणे चित्तु थावंतहो। देहभिन्नु अप्पाणु गणंतहो निरवहि-सासयसोक्खु मुणंतहो। पत्तपरीसहदुहअवसायहो विज्जुच्चरहो विमुक्ककसायहो। इस प्रकार अनुप्रेक्षाओं की भावना करते हुए निर्मल धर्म-ध्यान में अपने चित्त को स्थापित करते हुए, अपनी आत्मा को देह से भिन्न मानते हुए निःसीम शाश्वत सुख मोक्ष को समझते हुए उसी का ध्यान करते हुए अन्त में वे महामुनि घोर उपसर्ग को समतापूर्वक सहन करते हुए उत्तम क्षमा, उत्तम मार्दव, उत्तम आर्जव, उत्तम सत्य, उत्तम शौच, उत्तम संयम, उत्तम तप, उत्तम त्याग, उत्तम आकिंचन तथा उत्तम ब्रह्मचर्यरूप दश धर्म की आराधनापूर्वक कर्मों की निर्जरा करते हुए समाधिमरणपूर्वक संसार के सर्वश्रेष्ठ सुख के धाम सर्वार्थसिद्धि को प्राप्त कर लेते हैं। 1. पण्डित दौलतराम, छहढाला 5.1 वीर कवि, जंबूसामिचरिउ, भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशन, संपा.- डॉ. विमलप्रकाश जैन 'अलका' 35, इमामबाड़ा मुजफ्फरनगर - 257 002
SR No.521861
Book TitleApbhramsa Bharti 2005 17 18
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamalchand Sogani, Gyanchandra Khinduka
PublisherApbhramsa Sahitya Academy
Publication Year2005
Total Pages106
LanguageSanskrit, Prakrit, Hindi
ClassificationMagazine, India_Apbhramsa Bharti, & India
File Size6 MB
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