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________________ अपभ्रंश भारती 13-14 1. 2. 3. 4. 5. 6. 7. 8. 9. सन्तों का सत्संग । मेरे कथा - प्रसंग में प्रेम । अभिमानरहित होकर गुरु के चरणकमलों की सेवा । कपट छोड़कर मेरे गुणसमूहों का गान करना । मेरे (राम) मंत्र का जाप तथा मुझ में दृढ़ विश्वास | 1335 इन्द्रियों का निग्रह, शील (अच्छा स्वभाव या चरित्र ) । बहुत कार्यों से वैराग्य । निरन्तर सन्त पुरुषों के धर्म (आचरण) में लगे रहना । सम्पूर्ण जगत् को समभाव से मुझ में ओतप्रोत देखना । यही नवधा भक्ति है । पउमचरिउ में यह प्रसंग नहीं है। लक्ष्मण को शक्ति लगना पउमचरिउ में यह प्रसंग छियासठवीं सन्धि से उनहत्तरवीं सन्धि तक वर्णित किया गया है । पउमचरिउ में लक्ष्मण को आहत करने हेतु रावण शक्ति का प्रयोग करता है। मानस में मेघनाद द्वारा प्रयुक्त वीरघातिनी शक्ति से लक्ष्मण आहत होते । पउमचरिउ में लक्ष्मण के उपचार का उपाय राजा प्रतिचन्द्र बताते हैं कि राजा द्रोणघन की पुत्री विशल्या के स्नान के लक्ष्मण ठीक हो सकते हैं। मानस में जाम्बवान् लक्ष्मण के उपचार हेतु लंका के वैद्य सुषेण का परिचय देते हैं । जल मानस में जहाँ संजीवनी बूटी लाने हेतु मात्र हनुमान जाते हैं वहीं पउमचरिउ में विशल्या को लाने हेतु हनुमान, अंगद तथा भामण्डल जाते हैं। मानस में मार्ग में हनुमान की मात्र भरत से संक्षिप्त भेंट तथा वार्ता होती है; पउमचरिउ में हनुमान, अंगद तथा भामण्डल की भरत, दशरथ की समस्त रानियों, द्रोणघन इत्यादि से भेंटवार्ता होती है। पउमचरिउ में लक्ष्मण विशल्या के स्नान के जल से अपनी चेतनावस्था को प्राप्त करते हैं। लक्ष्मण की विशल्या में आसक्ति देखकर उनका विशल्या के साथ पाणिग्रहण कर दिया जाता है। मानस में लक्ष्मण संजीवनी बूटी से चेतन हो पाते हैं । रावण द्वारा सन्धि हेतु राम के पास दूत भेजना विशल्या के स्नान के जल से लक्ष्मण के चेतन होने का समाचार सुनकर निशाचर - पक्ष में खलबली मच जाती है। मन्दोदरी पुन: रावण को समझाती है कि यदि स्वयं का तथा राज्य का हित चाहते हो तो सीता को वापस कर दो। रावण सोचता है कि जब शत्रुसेना युद्ध हेतु तत्पर है, जब शम्बूकुमार का वध कर दिया गया, चन्द्रनखा तथा कूबर का अपमान हुआ,
SR No.521859
Book TitleApbhramsa Bharti 2001 13 14
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamalchand Sogani, Gyanchandra Khinduka
PublisherApbhramsa Sahitya Academy
Publication Year2001
Total Pages114
LanguageSanskrit, Prakrit, Hindi
ClassificationMagazine, India_Apbhramsa Bharti, & India
File Size8 MB
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