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________________ अपभ्रंश भारती 13-14 मंगलाचरण अक्टूबर 2001-2002 9 'पउमचरिउ' तथा 'रामचरितमानस' की प्रमुख घटनाओं का तुलनात्मक विवेचन डॉ. मंजु शुक्ल अपभ्रंश भाषा के महाकवि स्वयंभू - कृत 'पउमचरिउ' तथा हिन्दी भाषा के महाकवि तुलसीकृत 'रामचरितमानस' की प्रमुख घटनाओं के तुलनात्मक विवेचन की श्रृंखला में सबसे पहले दोनों महाकाव्यों की प्रारम्भिक पंक्तियों अर्थात् मंगलाचरण का उल्लेख आवश्यक है। 'पउमचरिउ' में मात्र प्रारम्भ में ही ऋषभजिन' तथा चौबीस तीर्थंकरों की अभ्यर्थना की गई है ' परन्तु 'रामचरितमानस' में न केवल प्रारम्भ में मंगलाचरण वर्णित किया गया है वरन् प्रत्येक काण्ड अर्थात् सातों काण्डों के प्रारम्भ में मंगलाचरण से किया गया है। वह भी पृथक्-पृथक् विधियों से जो 'मानस' की प्रभविष्णुता में वृद्धि करता है। दशरथ की रानियाँ तथा पुत्रों का उल्लेख 'पउमचरिउ' के अनुसार राजा दशरथ की चार रानियाँ थीं- अपराजिता, सुमित्रा, कैकेयी तथा सुप्रभा जिनसे क्रमशः राम, लक्ष्मण, भरत तथा शत्रुघ्न उत्पन्न हुए। 'मानस' में राजा दशरथ की तीन रानियों का उल्लेख मिलता है कौशल्या, सुमित्रा तथा कैकेयी । इनमें से राम कौशल्या के पुत्र, लक्ष्मण तथा शत्रुघ्न सुमित्रा के तथा भरत कैकेयी के पुत्र ' यहाँ पर दशरथ की रानियों के नाम तथा संख्या दोनों में ही भेद दिखाई देता है ।
SR No.521859
Book TitleApbhramsa Bharti 2001 13 14
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamalchand Sogani, Gyanchandra Khinduka
PublisherApbhramsa Sahitya Academy
Publication Year2001
Total Pages114
LanguageSanskrit, Prakrit, Hindi
ClassificationMagazine, India_Apbhramsa Bharti, & India
File Size8 MB
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