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________________ अपभ्रंश भारती - 9-10 79 अक्टूबर - 1997, अक्टूबर - 1998 संदेश-रासक के रचयिता ‘अब्दुर्रहमान' - श्री वेदप्रकाश गर्ग कवि अब्दुर्रहमान द्वारा रचित 'संदेश रासक' भारतीय साहित्य के मध्ययुग की एक अत्यन्त महत्त्वपूर्ण कृति है । यह भाषा-काव्य की उपलब्ध कृतियों में सर्वप्रथम एक मुसलमान कवि की सुन्दर काव्य रचना मानी गई है और अब्दुर्रहमान भाषा के प्रथम मुसलमान ज्ञात कवि माने गए हैं।' रचना अपने सृष्टा की कीर्ति को अमर रखने में समर्थ है। हिन्दी के विद्वान् लेखकों में से अधिकांश ने कवि का नाम 'अब्दुल रहमान' करके लिखा है, जो ठीक नहीं है। अरबी व्याकरण की दृष्टि से 'अब्दुर्रहमान' ही लिखा जाना शुद्ध है, 'अब्दुल रहमान' नहीं। अपभ्रंश नाम शब्द 'अद्दहमाण' से 'अब्दुल रहमान' (?) (अब्दुर्रहमान) का आशय लिया गया है, जो मेरे विचारानुसार संदिग्ध है। तथाकथित अब्दुर्रहमान की इस कृति को प्रकाश में लाने का श्रेय अपभ्रंश के अन्यतम विद्वान मुनि श्री जिनविजयजी को है। प्राप्त तीन प्रतियों के आधार पर उन्होंने इसका संपादन कर इसे सं. 2002 वि. (सन् 1945ई.) में भारतीय विद्याभवन, बंबई (सिंघी जैन ग्रंथमाला के अन्तर्गत) से प्रकाशित कराया था। मूल पाठ एवं पाठान्तरों के अतिरिक्त उन्होंने इस संस्करण में रचना की दो संस्कृत-टीकाएँ भी प्रकाशित की हैं, जिन्हें 'टिप्पणक' और 'अवचूरिका' कहा गया है। इस संस्करण में मुनिजी ने एक संक्षिप्त प्रस्तावना भी दी है जिसमें रचना एवं उसके समयआदि से संबंधित प्रश्नों पर बड़ी योग्यतापूर्वक विचार किया गया है। साथ ही इस संस्करण में डॉ. हरिवल्लभ भायाणी की भूमिका भी है, जिसमें रचना के व्याकरण एवं छंद-विधान आदि
SR No.521857
Book TitleApbhramsa Bharti 1997 09 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamalchand Sogani, Gyanchandra Khinduka, Gopichand Patni
PublisherApbhramsa Sahitya Academy
Publication Year1997
Total Pages142
LanguageSanskrit, Prakrit, Hindi
ClassificationMagazine, India_Apbhramsa Bharti, & India
File Size10 MB
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