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अह कोमल विमल नियंबबिंब किरि गंगापुलिणा, करिकर ऊरि हरिण जंघ पल्लव करचरणा, मलपति चालति वेल हीय हंसला हरावइ, सझारागु अकालि बालु नहकिरणि करावइ ॥ 11 ॥ 4
इस प्रकार हम देखते हैं कि अपने विकास-क्रम में दोहा दो काव्यरूपों में प्रयुक्त हुआ है एक मुक्तक काव्यरूप और दूसरा प्रबंध प्रणयन की दृष्टि से, और दोनों ही रूपों में यह पश्चिमी अपभ्रंश का ही प्रभाव है। तभी तो राजस्थानी के 'ढोला-मारू - रा दूहा' लोक-गीतात्मक-प्रबन्ध ACT प्राणाधार बना । पूर्वी अपभ्रंश में सिद्धों की परम्परा नौवीं दसवीं सदी में नाथ-साहित्य में परिणत हुई, किन्तु इसमें भी दोहा-छन्द का प्रयोग नहीं मिलता। स्पष्ट है दोहा पश्चिमी अपभ्रंश का छंद है और वहीं से परवर्ती साहित्य में इसका विकास हुआ। इस प्रकार यह अपनी काव्ययात्रा में एक ओर मुक्तक के रूप में जैनों के आध्यात्मिक और नीतिपरक साहित्य का वाहक बना, तदुपरि हिन्दी के परवर्ती मुक्तक-काव्य को दूर तक प्रभावित किया और दूसरी ओर कभी अपभ्रंश की कड़वक - शैली के रूप में प्रबन्ध- प्रणयन की परंपरा को विकसित करता रहा तो कभी 'रोला' छन्द के साथ नूतन शिल्प का विधान करता रहा।
1. छन्द-प्रभाकर, जगन्नाथप्रसाद 'भानु', पृ. 92 ।
2. राजस्थानी भाषा और साहित्य, डॉ. मोतीलाल मेनारिया, पृ. 82 1
अपभ्रंश भारती - 8
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3. छन्द - प्रभाकर, जगन्नाथप्रसाद 'भानु', पृ. 92 ।
प्राकृत-पैंगलम्, संपा. डॉ. व्यास, पृ. 781
4. सिद्ध- साहित्य, डॉ. धर्मवीर भारती, पृ. 293-2941
5. मई जाणिअं मियलोयणी, णिसयरु कोइ हरेइ ।
जाव ण णव जलि सामल, धाराहरु बरसेइ ॥ - विक्रमोर्वशीय, कालिदास, 4 अंक ।
6. हिन्दी साहित्य का आदिकाल, डॉ. ह. प्र. द्विवेदी, पृ. 98 ।
7. सिद्ध-साहित्य, डॉ. धर्मवीर भारती, पृ. 294 1
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13. वही, Vol. XXVIII, पृ. 27 1
14. फागु-संग्रह, नेमिनाथ फागु, पृ. 35।
8. पृथ्वीराज - रासौ में 'गाहा' और 'गाथा' दोनों नाम प्रयुक्त हुए हैं। यथा, समय 1, 5, 6, 7, 8, 14, 23, 24, 25, 44, 48, 57, 61, 66 तथा 68. संदेश - रासक में 'गाहा' नाम का ही प्रयोग हुआ है । यथा, प्रथम प्रक्रम 1-17 छन्द, द्वितीय प्रक्रम में 32-40, 72, 84, 90, 93,
126 - 129; तृतीय प्रक्रम में 149, 152 153 172, 213 तथा 221।
9. सूर - सागर (सभा), दशम स्कंध, पद 1443, पृ. 7591
10. वही, पद 2915, पृ. 12631
11. कबीर - ग्रंथावली (सभा), काल कौ अंग, पृ. 751
12. जर्नल ऑफ दी डिपार्टमेंट ऑफ लेटर्स, यूनिवर्सिटी ऑफ कलकत्ता, Vol. XXVIII, पृ. 23 ।
49- बी, आलोक नगर आगरा - 282010