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________________ 16 अपभ्रंश भारती 7 प्रो. हरिवल्लभ चुन्नीलाल भायाणी, प्रो. हरि दामोदर वेलणकर, चन्द्रधर शर्मा गुलेरी, महापंडित राहुल सांकृत्यायन, डॉ, हजारीप्रसाद द्विवेदी, डॉ. शिवप्रसाद सिंह, डॉ. नामवर सिंह, डॉ. वीरेन्द्र श्रीवास्तव और डॉ. रामसिंह तोमर आदि विद्वानों के अपभ्रंश सम्बन्धी अध्ययन और अनुसंधान ने पाठकों और अनुसंधित्सुओं के मन में अपभ्रंश के प्रति दुर्निवार आकर्षण उत्पन्न कर दिया। भारतीय विश्वविद्यालयों में अबतक अपभ्रंश सम्बन्धी जो अध्ययन और अनुसंधान कार्य सम्पन्न हो चुके हैं, उनका संक्षिप्त विवरण निम्नलिखित है - 1. हरिवंश कोछड़ अपभ्रंश साहित्य दिल्ली, 1952 2. देवेन्द्रकुमार जैन अपभ्रंश साहित्य आगरा, 1957 3. परममिश्र हेमचन्द्र के अपभ्रंश सूत्रों की पृष्ठभूमि और उनका भाषा वैज्ञानिक अध्ययन बिहार, 1960 4. देवेन्द्रकुमार जैन हिन्दी भाषा और साहित्य पर जैन अपभ्रंश साहित्य का प्रभाव अलीगढ़, 1961 5. नामवर सिंह हिन्दी के विकास में अपभ्रंश का योग इलाहाबाद, 1961 6. राजनारायण पाण्डेय महाकवि पुष्पदंत : दशवीं शताब्दी के अपभ्रंश कवि आगरा, 1963 7. देवेन्द्रकुमार जैन भविसयत्त कहा और अपभ्रंश कथाकाव्य आगरा, 1964 . 8. वीरेन्द्र श्रीवास्तव अपभ्रंश भाषा का अध्ययन ध्वन्यात्मक, रूपात्मक, अर्थात्मक पटना, 1965 9. चंचलकुमारी अपभ्रंश कथा साहित्य का अध्ययन विश्वभारती, 1965 10. वासुदेव सिंह अपभ्रंश और हिन्दी में जैन रहस्यवाद वाराणसी, 1966 11. इन्द्रपाल सिंह अपभ्रंश साहित्य में शृंगार (डी. लिट्.) लखनऊ, 1967 12. एन. पी. वर्मा अपभ्रंश के अस्फुट साहित्यिक मुक्तक पद बिहार, 1967 13. परममित्र शास्त्री सूत्र शैली और अपभ्रंश व्याकरण वाराणसी, 1967 14. सिद्धनाथ पाण्डेय अपभ्रंश के आख्यानक काव्यों (1700 ई. तक) का हिन्दी साहित्य पर प्रभाव इलाहाबाद, 1969
SR No.521855
Book TitleApbhramsa Bharti 1995 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamalchand Sogani, Gyanchandra Khinduka, Gopichand Patni
PublisherApbhramsa Sahitya Academy
Publication Year1995
Total Pages110
LanguageSanskrit, Prakrit, Hindi
ClassificationMagazine, India_Apbhramsa Bharti, & India
File Size8 MB
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