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अपभ्रंश - भारती 3-4
तब वह उसके वचन को सुनकर गया और जाकर उसके द्वारा कहा गया - हे स्वामी ! तुम्हारे द्वारा मेरी वस्तुओं से भरी हुई गाड़ी ले ली गई है, तो यह बैल भी आप लेलें । (और) मेरे लिए दो पाली (कटोरी) सत्तू देदें, उसको लेकर मैं (चला) जाऊँगा। मैं जिस-किस के हाथ से ग्रहण नहीं करूँगा । सब अलंकारों से भूषित प्राणों से भी अधिक प्यारी जो तुम्हारी पत्नी है उसके द्वारा दिया जाना चाहिए । तब मेरी उत्तम तुष्टी होगी। मैं अपने को जीवलोक में (भाग्यशाली ) मानूँगा ।
तब उनके द्वारा गवाह बुलाए गये और कहा गया 'इस प्रकार होवे ।'
तब उनके पुत्रों की माता दो पाली सत्तू लेकर निकली, वह उसके द्वारा हाथ से पकड़ ली गई। वह उसको पकड़कर चला।
गये
उनके द्वारा कहा गया
-
उसके द्वारा कहा गया
तब उनकी आवाज से
यह क्या है ?
-
यह क्या करते हो ?
मैं दो पाली सत्तू ले जाता हूँ।
(किसी के द्वारा ) महाजन-समूह एकत्र किया गया,
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वे पूछे
उनके द्वारा जैसा हुआ सब कह दिया गया। आये हुए महाजन-समूह से न्याय का निश्चय तटस्थतापूर्वक सुना गया। वे गंधीपुत्र पराजित हुए। वह महिला कठिनाई से छुड़वाली गयी । बहुत धन के साथ गाड़ी लौटा दी गई।