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5.
(v) णिविसेण
(vi) तक्खणेण (vii) तक्खणे
(viii) forfare (ix) खणे-खणे
(x) खणन्तरेण
(xi)
खणखणे
(xii) तुरन्त
(xiii) तुरन्तएण (xiv) तुरन्ते
(xv) तुरन्तउ (xvi) अवारें
(i) ण कमाइ (ii) चिरु
(iii) पच्छए / पच्छइ
(iv) पच्छा
(v) पडीवउ
(vi) अज्जहो
(vii) पडीवा
-
=
-
ZE
= हर क्षण
=
=
*
=
*
-
=
=
-
पलभर में
तत्काल
तत्काल
पल भर में
=
कुछ देर के बाद ही
क्षण-क्षण में
तुरन्त
जल्दी से
जल्दी से
तुरन्त
तुरन्त
कभी नहीं दीर्घकाल तक
बाद में
बाद में
अपभ्रंश भारती-2.
फिर / वापस आज से
और फिर वापस
संकलित वाक्य प्रयोग
1. 1. दिण्णु देव पइँ मग्गमि जइयहुँ ।
णियय - सच्चु पालिज्जइ तइयहुँ ॥
(प.च. 21.4)
हे देव (राजन) ! आपके द्वारा दे दिया गया है, जब मैं मांगू, तब निज सत्य (वचन) पाला जाए ।
2. तहिं णिवसइ मयरद्धउ जइयहु
अवरु चोज्जु अवयरियउ तइयहु ॥
( णा. च. 3.15.10 )
जब नागकुमार वहाँ निवास कर रहा था तब एक (अन्य ) आश्चर्य घटित हुआ ।
3. सरि गम्भीर नियच्छिय जावेहिं,
सयलु वि सेण्णु नियत्तउ तावेहिं ।
(प.च. 23.4)
जब / जिस समय गंभीर नदी देखी गई, तब ही / उस समय ही समूची सेना लौटा दी गई । 4. एह बोल्ल निम्मादय जावेहि,
ढुकु भाणु अत्थवणहो तावेहिं ।
(प. च. 23.9)
जब / जिस समय ये वचन उत्पन्न किये गये तब ही / उस समय ही सूर्य अस्ताचल पर पहुँच गया ।