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अपभ्रंश भारती
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5. डॉ. (श्रीमती) जे. एस. कुसुमगीता-एम.ए., पीएच.डी. । हिन्दी एवं कन्नड भाषा
पर तुलनात्मक अध्ययन । बंगाली, मराठी, जर्मन आदि भाषाविद् । अनेक पुस्तकें, शोध-पत्र एवं मनुदित साहित्य प्रकाशित । रीडर, भाषाशास्त्र एवं हिन्दी, मानस गंगोत्री, मैसूर । इस अंक में प्रकाशित लेख-पउमचरिउ में बिंब । सम्पर्क सूत्र-8, पंचवटी, सरस्वतीपुरम्, मैसूर-570009 ।
डॉ. त्रिलोकीनाथ प्रेमी-एम.ए., डी. फिल.। अनेक शैक्षणिक संस्थानों से सम्बद्ध । अनेक शोधपरक पुस्तकें एवं निबन्ध प्रकाशित । रीडर, हिन्दी विभाग, आगरा, कॉलेज, अागरा । इस अंक में प्रकाशित लेख-प्रपभ्रंश के आदिकवि स्वयंभू । सम्पर्क सूत्र'रामत्रिवेणी कुटीर, 49, बी. मालोकनगर, आगरा-282 010 ।
प्रीति जैन-एम.ए. । अपभ्रंश साहित्य अकादमी द्वारा संचालित अपभ्रंश सर्टिफिकेट एवं डिप्लोमा प्राप्त । अपभ्रंश माहित्य अकादमी में कार्यरत । इस अंक में प्रकाशित लेख-पउमचरिउ पर आधारित संधि-विधान । सम्पर्क सूत्र-1130, महावीर पार्क रोड, जयपुर-302 003 ।
डॉ. रामबरन पाठक-एम. ए., पीएच. डी., साहित्यरत्न । अपभ्रंश भाषा में विशेष योग्यता । प्राचार्य एवं विभागाध्यक्ष-हिन्दी विभाग, बद्री-विशाल कॉलेज, फर्रुखाबाद । इस अंक में प्रकाशित लेख-कारक विधान । सम्पर्क सत्र-प्राचार्य, बद्री विशाल कॉलेज, फर्रुखाबाद, उ.प्र.।
डॉ. सुषमा शर्मा-बी.एससी., पीएच. डी. । हिन्दी के भाषिक व साहित्यिक रूप पर विशेष कार्य । व्याख्याता, हिन्दी विभाग, वनस्थली विद्यापीठ। इस अंक में प्रकाशित लेख-पउमचरिउ के काव्यचित्र । सम्पर्क सूत्र-6, गार्गी निवास, वनस्थली, राज. ।