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________________ सहयोगी लेखक डॉ. कमलचन्द सोगारणी-बी.एससी., एम.ए., पीएच.डी.। नीतिशास्त्र, दर्शनशास्त्र के विशेषज्ञ । प्राच्य-भाषाविद् । सेवानिवृत्त प्रोफेसर, दर्शन-विभाग, सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर । अनेक सामाजिक एवं शैक्षणिक संस्थाओं से सम्बद्ध । अपभ्रंश साहित्य अकादमी के परामर्शदाता। इस अंक में प्रकाशित लेख-1. पउमचरिउ का एक प्रसंग-व्याकरणिक विश्लेषण, 2. अपभ्रंश रचना सौरभ । सम्पर्क सूत्र-एच. 7, चितरंजन मार्ग, सीस्कीम, जयपुर-302 001 । डॉ. कैलाशनाथ टण्डन-एम.ए., पीएच.डी., डी. लिट.। अपभ्रंश भाषा और उसके कवियों पर शोध-कार्य । विभिन्न पत्र-पत्रिकामों में लेख प्रकाशित । प्राचार्य, कालीचरण डिग्री कॉलेज. लखनऊ। इस अंक में प्रकाशित लेख-महाकवि स्वयंभूदेव की भाषा में प्रयुक्त स्वर-ध्वनियों का विवेचन । सम्पर्क सूत्र-कालीचरण डिग्री कॉलेज, हरदो रोड, लखनऊ-3, उत्तर प्रदेश । 3. डॉ. कैलाशचन्द भाटिया-एम.ए., पीएच.डी., डी. लिट. । भाषा विज्ञान और हिन्दी भाषा के विविध पक्षों पर अनुसंधान । अनेक पुस्तकें, लेख पुरस्कार प्राप्त । निदेशक, वृन्दावन शोध संस्थान, वृन्दावन । इस अंक में प्रकाशित लेख-स्वयंभू की भाषा-शब्द सम्पदा । सम्पर्क सूत्र-वृन्दावन शोध संस्थान, रमणरेती, वृन्दावन-281124 । डॉ. छोटेलाल शर्मा-एम.ए., पीएच.डी., डी. लिट्. । सौन्दर्यशास्त्र, भाषाशास्त्र एवं अपभ्रंश भाषा के विशेषज्ञ । भूतपूर्व प्रोफेसर, हिन्दी एवं भाषाविज्ञान, वनस्थली विद्यापीठ । निदेशक, अपभ्रंश साहित्य अकादमी, जयपुर । इस अंक में प्रकाशित लेख-स्वयंभू और पक्षविचार । सम्पर्क सूत्र-अपभ्रंश साहित्य अकादमी, भट्टारकजी की नशिया, सवाई रामसिंह रोड, जयपुर-302 004 ।
SR No.521851
Book TitleApbhramsa Bharti 1990 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamalchand Sogani, Gyanchandra Khinduka, Chhotelal Sharma
PublisherApbhramsa Sahitya Academy
Publication Year1990
Total Pages128
LanguageSanskrit, Prakrit, Hindi
ClassificationMagazine, India_Apbhramsa Bharti, & India
File Size8 MB
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