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अपभ्रंश भारती
पाठ 13 अम्हे ।
. हम दोनों हम सब अम्हई । क्रियाएं हस हंसना, सय=सोना,
रगच्च-नाचना, रूस रूसना, लुक्क छिपना,
जग्ग=जागना, जीव=जीना,
विधि एवं प्राज्ञा
हम दोनों हँसें। हसमो/हसामो/हसेमो प्रम्हई ।
हम सब हँसें। अम्हे सयमो/सयामो/सयेमो
_____हम दोनों सोवें।
हम सब सोवें।
मम्हे ।
अम्हे
हम दोनों नाचें। णच्चमो/णच्चामो/रणच्चेमो अम्हई ।
हम सब नाचें। अम्हे । रूसमो/रूसामो/रूसेमो
हम दोनों रूसें। अम्हई ।
हम सब रूसें। अम्हे । लुक्कमो/लुक्कामो/लुक्केमो
____हम दोनों छिपें ।
हम सब छिपें । अम्हे । जग्गमो/जग्गामो/जग्गेमो
____हम दोनों जागें। प्रम्ह
हम सब जागें। पम्हे । । जीवमो/जीवामो/जीवेमो
हम दोनों जीवें। अम्हई ।
हम सब जीवें।
=हम दोनों/हम सब
उत्तम पुरुष बहुवचन (पुरुषवाचक सर्वनाम)
2. विधि एवं प्राज्ञा के उत्तम पुरुष बहुवचन में 'मो' प्रत्यय क्रिया में लगता है । 'मो'
प्रत्यय लगने पर क्रिया के अन्त्य 'अ' का 'पा' और 'ए' भी हो जाता है। . 3. उपर्युक्त सभी क्रियाएँ अकर्मक हैं।
उपर्युक्त सभी वाक्य कर्तृवाच्य में हैं। इनमें कर्ता अम्हे/अम्हई के अनुसार क्रियाओं के पुरुष और वचन हैं । यहाँ अम्हे अम्हई उत्तम पुरुष बहुवचन में हैं तो क्रियाएँ भी उत्तम पुरुष बहुवचन में हैं।