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अपभ्रंश भारती
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पाठ 12 तुम : सो=वह (पुरुष) सा=वह (स्त्री)
हउं=मैं
तुहुं
क्रियाएं
ठा-ठहरना,
व्हानहाना,
हो होना
हउं
.
ब.
विधि एवं प्राज्ञा ठामु ण्हामु होमु ठाइ/ठाए/ठाउ/ठाहि/ठासु
हाइ/हाए/हाउ/पहाहि/हासु होड/होए होउ/होहि/होसु ठाउ
तुहुं
=मैं ठहरू। =मैं नहाऊँ। =मैं होऊँ। =तुम ठहरो। =तुम नहावो। =तुम होवो। =वह ठहरे। =वह ठहरे। = वह नहावे । =वह नहावे । =वह होवे। =वह होवे ।
ठाउ
हाउ
सो सा
हाउ होउ होउ
1. हमें
तुहुं तुम सो=वह (पुरुष) सा=वह (स्त्री)
उत्तम पुरुष एकवचन मध्यम पुरुष एकवचन अन्य पुरुष एकवचन अन्य पुरुष एकवचन
पुरुषवाचक सर्वनाम
एकवचन
प्रकारान्त क्रियानों को छोड़कर आकारान्त, प्रोकारान्त मादि क्रियानों के मध्यम पुरुष एकवचन में '०' प्रत्यय नहीं लगता है।
3. उपर्युक्त सभी क्रियाएँ अकर्मक हैं । 4. उपर्यक्त सभी वाक्य कर्तृवाच्य में हैं।