SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 110
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ अपभ्रंश भारती पाठ 6 तुम्हे =तुम दोनों/तुम सब तुम्हई क्रियाएँ हस हंसना, रूस=रूसना, जीव-जीना सय=सोना, लुक्क छिपना, गच्च-नाचना, जग्ग=जागना वर्तमानकाल तुम्हे । तुम दोनों हँसते हो/हंसती हो । तुम सब हँसते हो/हँसती हो । तुम्हई । हसहु/हसह/हसित्था तुम्हे ) सयहु/सयह/सयित्था तुम दोनों सोते हो/सोती हो । तुम सब सोते हो/सोती हो। तुम्हई । तुम्हे । तुम्हइं । पच्चहु/णच्चह/णच्चित्था तुम दोनों नाचते हो/नाचती हो। तुम सब नाचते हो/नाचती हो । तुम्हे । रूसहु/रूसह/रूसित्था صر ____ तुम दोनों रूसते हो/रूसती हो। तुम सब रूसते हो/रूसती हो। तुम्हई तुम्हे । लुक्कहु/लुक्कह/लुक्कित्था तुम दोनों छिपते हो/छिपती हो । तुम सब छिपते हो/छिपती हो। तुम्हई तुम्हे जग्गहु/जग्गह/जग्गित्था ___ तुम दोनों जागते हो/जागती हो । तुम सब जागते हो/जागती हो । तुम्हई। तुम्हे । तुम्हइं जीवहु/जीवह/जीवित्था __ तुम दोनों जीते हो/जीती हो । तुम सब जीते हो/जीती हो। 1. तुम्हे ॥ तुम दोनों/तुम सब, मध्यम पुरुष बहुवचन (पुरुषवाचक सर्वनाम) । तुम्हई 2. वर्तमानकाल के मध्यम पुरुष बहुवचन में 'हु', 'ह' और 'इत्था' प्रत्यय क्रिया में लगते हैं । 3.. उपर्युक्त सभी क्रियाएँ अकर्मक हैं। 4. उपर्युक्त सभी वाक्य कर्तुवाच्य में हैं । यहाँ कर्ता मध्यम पुरुष बहुवचन में है अतः क्रिया भी मध्यम पुरुष बहुवचन की लगी है ।
SR No.521851
Book TitleApbhramsa Bharti 1990 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamalchand Sogani, Gyanchandra Khinduka, Chhotelal Sharma
PublisherApbhramsa Sahitya Academy
Publication Year1990
Total Pages128
LanguageSanskrit, Prakrit, Hindi
ClassificationMagazine, India_Apbhramsa Bharti, & India
File Size8 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy