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अम्हे अम्ह
क्रियाएँ
1.
2.
- हम दोनों / हम सब
हस = हँसना,
रूस = रूसना,
जीव = जीना
म्हे
म्ह
हे
म्ह
हे
श्रम्हई
प्रहे
प्रम्हई
म्हे
श्रम्हई
हे
प्रह
अम्हे
म्ह
हे
प्रह
पाठ 5
सय = सोना, लुक्क = छिपना,
वर्तमानकाल
> हमहूं / हसमो / हसमु / हसम
- सयहूं / सय मो / सयमु / सयम
> गच्चहूं / गच्चमो / णच्चमु / णच्चम
> रूस हूं / रूस मो / रूस मु / रूसम
-लुक्कहुं / लुक्कमो / लुक्कमु / लुक्कम
- जग्गहुं / जग्गमो / जग्गमु / जग्गम
- जीवहूं / जीवमो / जीवमु / जीवम
=
=
=
=
=
अपभ्रंश भारती
णच्च = नाचना
जग्ग= जागना
हम दोनों हँसते हैं / हँसती हैं ।
हम सब हँसते हैं / हँसती हैं ।
हम दोनों सोते हैं / सोती हैं । हम सब सोते हैं / सोती हैं ।
हम दोनों नाचते हैं / नाचती हैं । हम सब नाचते हैं / नाचती हैं ।
हम दोनों रूसते हैं / रूसती हैं ।
हम सब रूसते हैं / रूसती हैं ।
हम दोनों छिपते हैं / छिपती हैं । हम सब छिपते हैं / छिपती हैं ।
हम दोनों जागते हैं/ जागती हैं । हम सब जागते हैं/ जागती हैं ।
हम दोनों जीते हैं / जीती हैं । हम सब जीते हैं / जीती हैं ।
- हम दोनों / हम सब,
उत्तम पुरुष बहुवचन ( पुरुषवाचक सर्वनाम ) ।
वर्तमानकाल के उत्तम पुरुष बहुवचन में 'हुं', मो, मु और 'म' प्रत्यय क्रिया में लगते हैं । 'मो' 'मु' और 'म' प्रत्यय लगने पर प्रकारान्त क्रिया के अन्त्य 'म' का 'श्रा' 'इ' प्रोर 'ए' भी हो जाता है । अतः हसामो, हसामु, हसाम / हसिमो, हसिमु, हसिम / हसेमो, हसेमु, हसिम रूप और बनेंगे । इसी प्रकार अन्य प्रकारान्त क्रियाओं के साथ भी समझ लेना चाहिए ।
3.
उपर्युक्त सभी क्रियाएँ अकर्मक हैं ।
4. उपर्युक्त सभी वाक्य कर्तृवाच्य में हैं । यहाँ कर्ता उत्तम पुरुष बहुवचन में है प्रत: क्रिया भी उत्तम पुरुष बहुवचन की ही लगी है ।