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શ્રી જૈન સત્ય પ્રકાશ (४) हमारे संग्रहमें द्वादश भावनाकुलक गाथा १३ (१५) के द्वावध मविना कथाकी २ प्रतिये है
१ मावनाविलास-लक्ष्मीवल्लम, २ भावना बेलि जयसोम एवं ३ भावना संज्ञाय सकलचन्द्र कृत, ४ जयसोम कृत भावना संधि भी हमारे संग्रहमें हैं एवं पौरों प्रकाशित भी हैं। .
१ बारह भावना कथा (हमारे संग्रहमें ) २ प्रकारकी हैं । २ भावना विलास, मगन (सं. १९५२ चै. शु. २ कल्याणपुरी) ३ १२ मावनागीत, पद्मराज (१७ वीं) गा. १२ ४
समयसुन्दर आधुनिक रचित एवं प्रकाशित ग्रन्थों में निम्नोक्त उल्लेनीय है१ भावनाभूषण-विनयविजयजी हमारे संग्रहमें २ मावनावोध--राजचंद्र ३ भावनाशतक-स्था० रत्नचंद्रजी । साठया लाइब्ररी (५) यहां के ज्ञानभंडारमें १२ भावनाविचारादिकी प्रतियें हैं।
दिगम्बर साहित्य । (१) 'अनेकान्त में प्रकाशित दि० भंडारोंकी सूचिये एवं जिनरत्न कोष आदिसे १२ भावना सम्बंधी नीचे लिखे दि० साहित्यका पता चला है१ द्वादश अनुपेक्षा पं. योगदेव कुंभनगर 'अनेकान्त 'व. ४ पृ. ४८७
" कनड ( उदयराग) , , , (विजयण्ण) , , , गौतमस्वामी (१) , मू. प्रा. टी. कन्नड (मू. कुंदकुंद ) टी. केश (व वर्गी) ,, कल्याणकीर्ति
| সিনলক্ষী " अज्ञात ८ ,, अपभ्रंश गा. २१ विश्वसेन हमारे संग्रहमें ९ दोहडा अनुपेक्षा अपभ्रंश लक्ष्मीसेन ' अनेकान्त' व.५ १० वारस अणुवैक्खा ( अपभ्रंश) जाल्हिा अनेकांत व. ५ ११ " " " कवि ईसर १२ , ,
, लक्ष्मीचन्द्र
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