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भाई श्री जुगलकिशोरजी,
वन्दे मातरम् ।
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'अनेकान्त' ना विचित्र प्रचारनो पुरावो
[ पंडित श्री बेचरदासजीप श्री जुगलकिशोरजीने लखेल पत्र ]
• શ્રી જૈન સત્ય પ્રકાશ 'ના ગયા અંક–ક્રમાંક ૧૦૩ માં અમે શ્રીમાન બાબૂ બહાદુરસિહજી સિધીએ વીરસેવામદિરના અધિષ્ઠાતા ૫. શ્રો. જુગલકિશારજી મુખ્તારને લખેલ પુત્ર પ્રગટ કર્યાં હતા. આજે એવા જ ખીજો પુત્ર અમે અહીં પ્રગટ કરીએ છીએ. આ પત્ર पंडित श्री मेयरहास लवरान होसीये ' अनेकान्त 'ना सम्याह श्री लुगलकिशोरकने सजेसे छे. श्री लुगाद्विशेरिल तर३श्री वीरशासन - जयन्ती उत्सव
પ્રચાર કાર્ય કરવામાં આવ્યું છે અને હજી પણ્ કરવામાં આવે છે તે કેટલું વિચિત્ર અને પાયાવગરનું છે તે આ ઉપરથી જણાઈ આવે છે.
આ પત્ર એટલેા સ્પષ્ટ છે કે એ સબંધી વિશેષ કંઈ લખવાની જરૂર નથી. આ જ રીતે બીજા પત્રા અવસરે પ્રગટ કરવાની આશા સાથે આ પત્ર અહીં પ્રગટ કરીએ છીએ. अमदावाद ता. ७-४-१९४४ १२/ब भारतीनिवास सोसायटी, एलिसब्रिज
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मैंने जाना है कि अब आप इतिहासका विपर्यास करनेमें लगे हुए हैं और दिगंबर तथा श्वेतांबर इन दोनों बन्धुसमाजमें ऐक्यकी अपेक्षा अनैक्य बढाने के अनिष्ट प्रयत्न में अग्रसर होते जा रहे हैं। मुजको आपकी ऐसी परिस्थिति जान कर अधिक खेद हुआ है और आपके प्रति सर्वथा उपेक्षाभाव आ गया है । इसी कारण से आपके कई पत्र आने पर भी मैं एकका भी उत्तर नहीं दे सका हूं। मैं समजता था कि आप मेरा उपेक्षाभाव स्वयं समज जायेंगे और फिर फिर पत्र लिख कर सामाजिक धनको बरबाद नहीं करेंगे, परंतु मेरी धारणा गलत हुई और आपके पत्र फिर फिर आते ही रहे और आपके ' अनेकान्त 'में भी मेरा नाम आप बार बार छापते ही रहे। अतः यह पत्र लिख कर आपको, आपके कार्य की प्रति मेरा सर्वथा उपेक्षाभाव है इसकी सूचना देता हूं ताकि आप मेरा मनोभाव समज जाय ।
मानवताके नाते आप हमारे भाई हैं तो भी सत्यकी दृष्टिसे आप हमारे लिए उपेक्षणीय हैं अतः आपकी किसी भी प्रकारकी साहित्यिक वा धार्मिक प्रवृत्ति में मेरा लेश भी सहकार व सद्भाव नहीं है इसकी आप नोंध कर लेना और यह समाचार 'अनेकांत 'में छाप भी देना ।
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आपके ' अनेकान्त ' में आप कई दफे मेरा नाम लिखकर लिखते हैं कि अमुक कमिटिमें पंडित बेचरदासजी नियुक्त किये गये हैं वा अमुक कार्य पंडित बेचरदासजीको सोंपा गया है " इत्यादि । अब आप पेसा लिखनेका कष्ट म उठावें और मेरा नाम लिखकर समाजमें भ्रम फैलानेका प्रयत्न छोड देवें ।
इस सारे पत्रको 'अनेकान्त' में अवश्य प्रकट कर देवें जिससे समस्त दिगंबर बंधुओंको और समस्त श्वेतांबर बंधुओंको मेरे विषयमें सच्चा हाल मालूम हो जाय ।
आपका
बेचरदास
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