SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 17
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org ५ મહારાવ હિન્દુમલજી એક [ १८५ ] प्रदर्शित की। कप्तान जैक्सनने भी आपकी दुःखद मृत्यु पर अपने वि. सं. १९०४ माघ सुदि ७ के खरीतेमें शोक जाहिर किया। आपके तीन पुत्र थे जिनके नाम क्रमशः मेहता हरिसिंहजी, गुमानसिंहजी और जसवन्तसिंहजी थे । Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सं. १९०२ में नेठराणा नामक गांव आपको महाराजा साहबने जागीर में प्रदान किया । महाराव हिन्दुमलजी बडे प्रतिभाशाली पुरुष थे । आपने बीकानेर राज्यकी जो जो महान् सेवायें की हैं वे इस राज्य के इतिहास में स्वर्णाक्षरों से लिखे जाने योग्य है । आपकी इन सब सेवाओंको तत्कालीक बीकानेर नरेशने बडी उदारताके साथ अपने खास खास रुक्को में कबूल किया है। अतः हम एक खास रुके की अविकल नकल ज्यों की त्यो यहाँ पर उद्धृत करते हैं । यह पत्र श्रीयुत बाबू अगरचंदजी भंवरलालजी नाहटा बंधुओंके संग्रह में है । || श्री रामजो || दसकत खास मु. हीदुमल दीसी सुप्रसा (द) बचै अप्रंच ठाकुर वीसाने देणे सु लपेट लीयो पछे श्री ठाकुरजी रे दरसण नै गयो जारा ठाकुर भरे हाथी रे खुबासी में चाढा तो ही पेट रो मैल गयो नहीं पछे मागनै वसी ठाकुर नै अमरावतां नै राजी बाजी कर विदा किया साठ हजार रुपिया कीया सु थां उटै सारी सुणी हुसी श्री माताजी रे गढ़में बैस सुंसकब कीया हींदु मुसलमान रे सुस हुबै है सुसारा लीया अमरावतां रो ठाकुर झाला ठाकररा हाथ अमरावतां झालो इसो सुण कर विदा हुबा माझनै जाय पकड लीया पछै एक एकनै काढता गया इसी केता गया हजूर ईयाद करै छै थांसु एकता करसी थे केता मारै कोटरी छाया तीन वार पडे छै सु वा छाया केथ जारा देवीसींघठकराणै रौ, उवै इसी कही उवा छाया कोट सुं बार आसी जारा ठीक पडसी सु आकर गयो हमें पूगल गयो है पुगलवालौ जेसलमेर गयौ है सु हमै हुवै सु ठीक पडसी ईयै देखतां तो ठाकुर राव जैसलमेर से रावल कदेरा एक छै लारली कुबध सारी सारी इयांरी है दीसै तो इसी छे दूजा समाचार सारा मु. मुलचंद वा मुनसी मानीराम राधाकिसन रे कागदा सुं जाणसी कुवर पदै रो चाकर छै सात पीढी रौ चाकर छे सामघरमी चाकर छै सु जेसलमेरौ हुकम मंगाय दे पैलकै जुन हुवै संवत १८८७ मीती सावण सुद ५ भादवा सुद दुज नै डेरा दाखल हुला ताकीदी सुं उथला आवै सु करे अठै मोटौ काम तो थारै समाचार आयां जान करसां पुगलरो काम तो पैली करसा जेजरो काम न छै थारी चाकरी है। मजी तो पेलको बदलौ लीयो सु छै ॥ उपरोक खास रुक्के से महारावा हिन्दुमलजी के उस अतुलनीय प्रभाव का पता लगता है जो बीकानेर के राजनैतिक क्षेत्रमें था । For Private And Personal Use Only
SR No.521566
Book TitleJain_Satyaprakash 1941 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJaindharm Satyaprakash Samiti - Ahmedabad
PublisherJaindharm Satyaprakash Samiti Ahmedabad
Publication Year1941
Total Pages44
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Jain Satyaprakash, & India
File Size22 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy