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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 1623 स्नमिनाथ चरित्र ( प्राकृत ) *नमिनाथ चरित्र (संस्कृत ) લુપ્તપ્રાય: જૈનગ્રંથાં કી સૂચિ पंचाख्यान ( प्राकृत ) * पूज्याष्टक कथा ( संस्कृत ) लीलावती कथा www.kobatirth.org महावीरस्वामी चरित्र ( प्राकृत ) नेमिचंद्र (सं. ११३९) १८१० * महावीरस्वामी चरित्र ( संस्कृत ) कुसमसार कथा नेमिचंद्र ( सं. १०९९) १७०० * जयसुन्दरी कथा ( प्राकृत ) नर्मदा सुन्दरी कथा वीरस्तव वीरस्तववृत्ति १७०० ३१८ चतुर्विंशति जिनस्तव मल्लधारी देवप्रभ चतुर्विंशति जिनस्तुति वृत्ति दि० प्रभाचंद्र १५४१ जनेन येनस्तुतिवृत्ति ३०५ भयहस्तोत्रमवृत्ति कौमारसार समुच्चय धनपाल सूराचार्य मलयगिरि Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir रामचंद्र गाथा ५३००० २४५ २४५ २५१ २५२ २५४ २५५ " २५५ " २५९ २६१ २६६ , २६७ For Private And Personal Use Only 19 १४३८ सर्वाङ्गसुन्दरी कथा ( प्राकृत ) २६७५ कथाकोष गा. २३९ व वृत्ति जिनेश्वर ( सं. ११०८ ) ६०००,, धर्माख्यानक कोश वृत्ति ( प्राकृत बहु कथामयी ) ( पत्तने ) शत्रुंजय कल्प पालित्रय सूरि अजिन्तशान्तिस्तववृत्ति "" 27 27 27 " "" 33 " २७१ ,” २७२ ,,, २७६ २७७ २७८ , २८५ ” २९० ” २९१ ” २९८ २९८ २९९ ,, ३०२ ३०२ मुष्टि व्याकरण हैम व्याकरण मूलसूत्रो ११०० * हैम व्यास "" समास तद्धितसार प्रकरण हैम कारक समुच्चय श्री प्रसूरि (सं. १२८० ) हैम कारक वृत्ति (अधिकार त्रयात्मक ) श्री प्रभसूरि (सं. १२८० ) ( आद्य द्वयवृत्ति युक्त ) ३१०० 99 " 77 77 ,,, ३०२ ” ३०४ ૫૧
SR No.521522
Book TitleJain Satyaprakash 1937 06 SrNo 23
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJaindharm Satyaprakash Samiti - Ahmedabad
PublisherJaindharm Satyaprakash Samiti Ahmedabad
Publication Year1937
Total Pages44
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Jain Satyaprakash, & India
File Size19 MB
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