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________________ समाचार दर्शन महावीर - जन्मभूमि के विषय में फरीदाबाद में पारित प्रस्ताव जैनाचार्यों ने जैनधर्म के चौबीसवें तीर्थंकर महावीर की जन्मस्थली कुण्डपुर (विदेह ) को मान्य किया है। आचार्य पूज्यपाद की 'निर्वाणभक्ति', आचार्य जिनसेन के 'हरिवंशपुराण', आचार्य गुणभद्र के 'उत्तरपुराण', श्री असग के 'वर्द्धमानचरित', आचार्य दामनन्दि के ‘पुराणसारसंग्रहान्तर्गत वर्द्धमानचरित', विबुध श्रीधर के 'वड्ढमाणचरिउ', महाकवि पुष्पदंत के ‘वीरजिणिंदचरिउ', आचार्य सकलकीर्ति के 'वीरवर्द्धमानचरित', मुनि धर्मचन्द के 'गौतमचरित्र ' एवं पंडित आशाधर के 'त्रिषष्ठिस्मृतिशास्त्र' से भी तीर्थंकर महावीर की जन्मस्थली कुण्डपुर (विदेह) ही सिद्ध होती है । आचार्य वीरसेन, आचार्य गुणभद्र, महाकवि विमलसूरि, आचार्य `रविषेण आदि जिन-जिन पूर्वाचार्यों ने मात्र कुण्डपुर लिखा है, उसका तात्पर्य कुण्डपुर (विदेह) ही है। वर्तमान समय में आचार्य ज्ञानसागर ने अपने महाकाव्य 'वीरोदय' में तथा आर्यिका ज्ञानमती व आर्यिका चन्दनामती ने अपनी पूर्व - रचनाओं में वैशाली स्थित कुण्डपुर (विदेह ) को ही भगवान् महावीर की जन्मस्थली स्वीकार किया है। भारत सरकार, बिहार सरकार, अ.भा. दि. जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी तथा अन्य संस्थाओं, जैन-जैनेतर इतिहासज्ञों, शिक्षाविदों, पुरातत्त्वविदों, मनीषी लेखकों ने वैशाली स्थित कुण्डपुर (विदेह ) को ही भगवान् महावीर की जन्मस्थली स्वीकार किया है। यह स्थान कुण्डपुर (विदेह) वर्तमान में मुजफ्फरपुर जिले के वैशाली निकटस्थ वसाढ़ नगर के समीप वासो कुण्ड है। लोक-परम्परा से आज भी यहाँ की ढाई बीघा जमीन को भगवान् महावीर की जन्मस्थली होने के कारण पवित्र मानकर 'अहल्य' (जिस भूमि पर खेती हेतु हल न चलाया जाए) माना जाता है. एवं दीपावली के दिन दीपक जलाया जाता है । उक्त संदर्भों के प्रकाश में 'श्री अखिल भारतवर्षीय दिगम्बर जैन विद्वत्परिषद्' आज दिनांक 8 फरवरी, 2003 शनिवार को श्री आदिनाथ दिगम्बर जैन मन्दिर, सैक्टर-10, फरीदाबाद में आयोजित पंचकल्याणक महोत्सव के पावन अवसर पर सम्पन्न अपनी बैठक में कुण्डपुर (विदेह) (वासोकुण्ड, वैशाली) को ही भगवान् महावीर की जन्मस्थली की पुष्टि करती है। शासन तथा समग्र जैनसमाज से अनुरोध करती है कि सभी सद्भावना एवं परस्पर सहयोगपूर्वक इसके विकास में अपना सहयोग देवें 1 प्राकृतविद्या जनवरी-जून 2003 (संयुक्तांक ) 0097
SR No.521370
Book TitlePrakrit Vidya 2003 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajaram Jain, Sudip Jain
PublisherKundkund Bharti Trust
Publication Year2003
Total Pages116
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Prakrit Vidya, & India
File Size12 MB
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