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________________ इस अंक के लेखक-लेखिकाएँ 1.डॉ. राजाराम जैन—आप मगध विश्वविद्यालय में प्राकृत, अपभ्रंश के प्रोफेसर' पद से सेवानिवृत्त होकर श्री कुन्दकुन्द भारती जैन शोध संस्थान के निदेशक' हैं। अनेकों महत्त्वपूर्ण ग्रन्थों, पाठ्यपुस्तकों एवं शोध-आलेखों के यशस्वी-लेखक भी हैं। आपको वर्ष 2000 का 'प्राकृतभाषा-विषयक' 'राष्ट्रपति सम्मान' समर्पित किया गया है। इस अंक में प्रकाशित उत्तरमध्यकालीन इतिहास, साहित्य एवं कला का संगम तीर्थ : गोपाचल' नामक आलेख के लेखक आप हैं। पत्राचार-पता-महाजन टोली नं. 2, आरा-802301 (बिहार) 2. डॉ० सूर्यकान्त बाली—आप भारतीय इतिहास के अच्छे अध्येता-मनीषी एवं सिद्धहस्त लेखक रहे हैं। आपके द्वारा अनेकों महत्त्वपूर्ण कृतियों का सृजन हुआ है। इस अंक में प्रकाशित . 'देश को नाम देने के लिए खुद को भरत बनाना होता है' शीर्षक आलेख आपकी लेखनी से सृजित है। . 3. अपचन्द्र न्यायतीर्थ-आप हिन्दी के अच्छे कवि हैं। इस अंक में प्रकाशित पूजनीय हैं संत हमारे !' शीर्षक कविता आपके द्वारा लिखित है। स्थायी पता-769, गोदिकों का रास्ता, किशनपोल बाजार, जयपुर-302003 (राज.) . . 4. डॉ. राजेन्द्र कुमार बंसल—आप ओरियंटल पेपर मिल्स, अमलाई में कार्मिक अधिकारी के पद से सेवानिवृत्त हुये, जैनसमाज के अच्छे स्वाध्यायी विद्वान् हैं। इस अंक में प्रकाशित 'भगवान् महावीर की जन्मस्थली : कुण्डपुर (वासोकुण्ड)' शीर्षक आलेख आपकी लेखनी से प्रसूत है। पत्राचार-पता-बी.-369, ओ.पी.एम. कालोनी, अमलाई-484117 (म.प्र.) 5. डॉ. रमेशचंद जैन-आप भी प्राच्य भारतीय इतिहास एवं पुरातत्त्व के गवेषी विद्वान् हैं। इस अंक में प्रकाशित 'स्वास्तिक का चक्रव्यूह' शीर्षक आलेख आपकी लेखनी से प्रसूत है। स्थायी पता—मौलाना आजाद प्रौद्योगिकी महाविद्यालय, भोपाल-462007 (म.प्र.) 6. प्रो. (डॉ.) शशिप्रभा जैन-आप श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रिय संस्कृत विद्यापीठ (मानित विश्वविद्यालय), नई दिल्ली में शिक्षाशास्त्र विभाग की विभागाध्यक्ष एवं आधुनिक ज्ञान-विज्ञान संकाय की प्रमुख हैं। इस अंक में प्रकाशित आलेख 'प्राच्य भारतीय अभिलेख एवं प्राकृतभाषा' आलेख आपके द्वारा लिखित है। स्थायी पता-प्रोफेसर्स फ्लैट, श्री ला.ब.शा. राष्ट्रिय संस्कृत विद्यापीठ, नई दिल्ली-16 7. डॉ. उदयचंद जैन–सम्प्रति सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर (राज.) में प्राकृत प्राकृतविद्या जनवरी-जून '2003 (संयुक्तांक) 00 111
SR No.521370
Book TitlePrakrit Vidya 2003 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajaram Jain, Sudip Jain
PublisherKundkund Bharti Trust
Publication Year2003
Total Pages116
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Prakrit Vidya, & India
File Size12 MB
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