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प्रबन्ध सम्पादक की कलम से
लेखकों से अनुरोध
सम्पादक मण्डन के निर्णयानुसार एवं शोध पत्रकारिता के नियमानुसार कतिपय सूचनाएँ अपेक्षित हैं, जिनका विवरण निम्नानुसार है। प्राकृतविद्या के प्राज्ञ लेखकों / विदुषी लेखिकाओं से अनुरोध है कि वे अपनी रचनायें भेजते समय कृपया निम्नलिखित बिन्दुओं के बारे में सूचना देकर हमें अनुगृहीत करें :
:
1. आपकी प्रेषित रचना पूर्णतया मौलिक / सम्पादित / अनूदित/संकलित है।
2. क्या प्रेषित रचना इसके पूर्व किसी भी पत्र-पत्रिका, अभिनन्दन ग्रन्थ आदि में कहीं प्रकाशित है? यदि ऐसा है, तो कृपया उसका विवरण अवश्य दें ।
3. क्या आप प्रेषित रचना 'प्राकृतविद्या' के अतिरिक्त अन्य किसी पत्रिका आदि में प्रकाशनार्थ किसी रूप में अथवा कुछ परिवर्तन के साथ भेजी ? यदि भेजी हो, तो उसका विवरण देने की कृपा करें ।
4. क्या प्रेषित रचना किसी सेमीनार / सम्मेलन आदि में पढ़ी गयी है? यदि ऐसा है, तो कृपया उसका विवरण अवश्य दें ।
5. 'प्राकृतविद्या' का सम्पादक मण्डल विचार-विमर्श पूर्वक ही किसी रचना को प्रकाशित करता है, अत:, उक्त जानकारियाँ प्रदान कर हमें अनुगृहीत करें; ताकि आपकी रचना के बारे में निर्विवादरूप से निर्णय लिया जा सके।
6. कृपया यह भी लिखें कि 'प्राकृतविद्या' से अस्वीकृत हुये बिना आप अपनी यह रचना अन्य कहीं प्रकाशनार्थ नहीं भेजेंगे ।
कृपया अपने लेख/कविता / रचना आदि के साथ उपर्युक्त जानकारियाँ पत्र द्वारा अवश्य प्रेषित करें, तभी रचना का प्रकाशन - - निर्णय किया जा सकेगा ।
सदस्यों से अनुरोध
यदि आपको पत्रिका नियमित रूप से नहीं मिल रही है, अथवा एकाधिक अंक आ रहे हैं, अथवा आपका पता बदल गया है; तो इनके बारे में पत्र-व्यवहार करते समय सदस्यगण अपनी सदस्यता के क्रमांक (यथा V-23, S-76 आदि) का अवश्य उल्लेख करें । यदि एकाधिक अंक आ रहे हैं, तो उन एकाधिक क्रमांकों का भी उल्लेख करें । तथा आप जिस क्रमांक को चालू रखना चाहते हैं, उसको भी स्पष्टतः निर्दिष्ट करें ।
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यदि आपके पते में पिन कोड नं. नहीं आ रहा है, या गलत आ रहा है, तो आप सदस्यता-क्रमांक के उल्लेखपूर्वक अपन सही पिनकोड अवश्य लिखें; ताकि आपको पत्रिका समय पर मिल सके। सदस्यता शुल्क 80/- प्रतिवर्ष के हिसाब से भिजवाएँ ।
प्राकृतविद्या + जनवरी - जून 2003 (संयुक्तांक )
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