SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 107
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ साहू रमेशचन्द्र जी जैन 'मास कम्यूनिकेशन' के अध्यक्ष बने सम्पूर्ण दिगम्बर जैनसमाज के सर्वमान्य नेता तथा 'अखिल भारतवर्षीय दिगम्बर जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी', 'अखिल भारतवर्षीय दिगम्बर जैन परिषद्', 'कुन्दकुन्द भारती न्यास' आदि संस्थानों के अध्यक्ष. 'भारतीय ज्ञानपीठ' एवं 'साहू जैन ट्रस्ट' के प्रबंध-न्यासी धर्मानुरागी साहू श्री रमेशचन्द्र जी जैन को विश्वस्तरीय संचार माध्यम एवं सूचना प्रौद्योगिकी के प्रमुख संस्थान 'मास कम्यूनिकेशन' का मानद अध्यक्ष मनोनीत किया गया है। उनका कार्यकाल आगामी दो वर्ष तक रहेगा। यह एक अत्यन्त महत्त्वपूर्ण सम्मान है, और आदरणीय साहू जी को यह गौरव प्राप्त होने पर देशभर के विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों एवं समाज के गणमान्य लोगों ने हार्दिक बधाई और अभिनन्दन की भावनाएँ प्रेषित की हैं। कुन्दकुन्द भारती प्रांगण में भी दक्षिण भारत जैन सभा' के 'शताब्दी-समारोह' में इस निमित्त साहू जी का विशेषत: अभिनन्दन किया गया। ___कुन्दकुन्द भारती न्यास एवं प्राकृतविद्या-परिवार की ओर से आदरणीय साहू रमेशचन्द्र जी को इस शुभ-प्रसंग पर हार्दिक अभिनन्दन के साथ उनके सुदीर्घ यशस्वी एवं स्वस्थ जीवन के लिए हार्दिक मंगलकामनाएँ समर्पित हैं। –सम्पादक ** प्रो. राजाराम जी य.जी.सी. की समिति के सदस्य मनोनीत विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यू.जी.सी.) नई दिल्ली ने 'राष्ट्रपति द्विसहस्राब्दी पुरस्कार सम्मान' से सम्मानित तथा प्राकृतविद्या' के प्रधान सम्पादक, कुन्दकुन्द भारती के मानद-निदेशक प्रो. (डॉ.) राजाराम जैन, आरा (बिहार) को अपनी विजिटिंग कमेटी का सदस्य मनोनीत किया है। यह समिति लखनऊ विश्वविद्यालय तथा कुन्द अन्य विश्वविद्यालयों की नवमी पंचवर्षीय योजना की समीक्षा करेगी तथा दसवीं पंचवर्षीय योजना के लिए विश्वविद्यालय के विभिन्न प्रारूपों का आकलन कर यू.जी.सी. को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। ___ संभवत: यह प्रथम अवसर है जब उक्त कमीशन ने जैनसमाज के किसी विद्वान् को अपनी उक्त अति महत्त्वपूर्ण कमेटी का सदस्य मनोनीत किया है। इस गौरवपूर्ण उपलब्धि के लिए डॉ. जैन का हार्दिक अभिनंदन । –सम्पादक ** 'अणुव्रत पुरस्कार' की धनराशि कुन्दकुन्द भारती में समर्पित नैतिकता एवं अहिंसा के उत्तम विचारों का जीवन भर प्रचार-प्रसार करने के फलस्वरूप इस वर्ष का अणुव्रत पुरस्कार वरिष्ठ साहित्यकार पद्मश्री यशपाल जैन को घोषित किया गया; परन्तु उनके परिजनों के अनुसार वे इस सम्बन्ध में बड़े नि:स्पृह थे और जैनदर्शन के शोधपूर्ण अध्ययन को बहुत अधिक बढ़ावा देना चाहते थे, जिसकी चर्चा वे बारम्बार परमपूज्य आचार्यश्री विद्यानन्द जी मुनिराज से मिलकर करते रहते थे; अत: उन्होंने उक्त पुरस्कार की सम्पूर्ण धनराशि 1,21,000 रुपये कुन्दकुन्द भारती शोध-संस्थान में शोधपरक गतिविधियों के संचालनार्थ समर्पित कर दी। उक्त धनराशि का चैक महामहिम उपराष्ट्रपति के करकमलों से दिनांक 8 दिसम्बर को प्राकृतविद्या अक्तूबर-दिसम्बर '2002 00 105
SR No.521369
Book TitlePrakrit Vidya 2002 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajaram Jain, Sudip Jain
PublisherKundkund Bharti Trust
Publication Year2002
Total Pages116
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Prakrit Vidya, & India
File Size14 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy