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अनुक्रम
क्र.
शीर्षक
01. सम्पादकीय : गोरक्षा और गोवध
02. अग्नि और जीवत्वशक्ति
03. भारतीय दर्शन एवं जैनदर्शन
04. दिगम्बर - परम्परा के मनीषी और वर्तमान स्थिति
05. प्राकृत काव्यशैली का दूरगामी प्रभाव
06. अपभ्रंश भाषा एवं उसके कुछ प्राचीन सन्दर्भ
07. नव ख्रिष्टाब्द अष्टक
11. साहू असोग (प्राकृत कविता )
12. प्राचीन नाटकों में प्रयुक्त प्राकृतों की संपादकीय अवहेलना
13. ईसापूर्व के शिलालेखों की भाषा में शौरसेनी
14. भाषा-परिवार और शौरसेनी प्राकृत
15. आयरियप्पवरो सिरिदेसभूसणो
08. पज्जुण्णचरिउ
डॉ० विद्यावती जैन
09. हड़प्पा की मोहरों पर जैनपुराण एवं आचरण के संदर्भ डॉ० रमेश चन्द जैन
10. यति प्रतिक्रमण की विषयगत समीक्षा
श्रीमती रंजना जैन
डॉ० उदयचन्द जैन
16. दुनियां में सर्वाधिक धर्मनिरपेक्ष है मोरपंख
17. भारतीय सांस्कृतिक व भाषिक एक
18. एक मननीय समीक्षा
19. पुस्तक-समीक्षा
20. अभिमत
21. समाचार - दर्शन
लेखक
डॉoसुदीप जैन
आचार्य विद्यानन्द मुनि
डॉ० मंगलदेव शास्त्री
पं० सुखलाल
संघवी
डॉ० कलानाथ शास्त्री
प्राकृतविद्या�अक्तूबर-दिसम्बर 2000
प्रो० ( डॉ० ) राजाराम जैन
डॉo महेन्द्र सागर प्रचंडिया
प्रभात कुमार दास
श्रीमती मंजूषा सेठी डॉ० माया जैन
प्रो० माधव रणदिवे
श्रीमती स्नेहलता ठोलिया
पृष्ठ सं०
डॉoसुदीप जैन
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