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क्र.
शीर्षक
01. मंगलाचरण
02. सम्पादकीय : न धर्मो धार्मिकैर्विना
03. प्राकृत का संस्कृत से सामंजस्य
04. प्राकृतविद्या - प्रशस्तिः (संस्कृत कविता ) 05. इक्कीसवीं सदी : कातन्त्र-व्याकरण का स्वर्णयुग
06. आचार्य कुन्दकुन्द के ग्रन्थों की भा
07. तीर्थंकर महावीर के सिद्धांतों की प्रासंगिकता
08. 'णमोकार मंत्र' की जाप संख्या और पंच - तंत्री वीणा
09. यशस्वी - सुत के पावन संस्मरण
10. 2600वीं वीर जयंती ( हिन्दी कविता )
11. शौरसेनी प्राकृत
12. सम्राट् अशोक की जैनदृष्टि
13. जैनदर्शन में रत्नत्रय की मीमांसा भाषा का स्वरूप एवं विश्लेषण
14.
15. महाकवि स्वयंभूकृत 'पउमचरिउ' के 'विद्याधर काण्ड' में विद्याधरों का देश भारत
16. एक क्रांति का जनक: लुई ब्रेल
17. जैन - वाङ्मय में द्रोणगिरि
अनुक्रम
18. 'प्राकृतविद्या' के वर्ष 10 एवं 11 के अंकों में प्रकाशित लेखों का विवरण
'19. जैन - संस्कृति में आहार - शुद्धि
20. 'ऋषि' और 'मुनि' में अंतर
21. आचार्य यतिवृषभ के अनुसार अन्तरिक्ष - विज्ञान . एवं ग्रहों पर जीवों की धारणा
22. अध्यात्मसाधक भैया भगवतीदास एवं
उनका 'ब्रह्म विलास'
23. पुस्तक-समीक्षा
24. अभिमत
25. समाचार - दर्शन
26. इस अंक के लेखक-लेखिकायें
प्राकृतविद्या+अप्रैल-जून '2000
लेखक
डॉ० सुदीप जैन
डॉ० जानकी प्रसाद द्विवेदी
पं० वासुदेव द्विवेदी शास्त्री
प्रो० (डॉ०) राजाराम जैन
डॉ॰ देवेन्द्रकुमार शास्त्री
जयचन्द्र शर्मा
प्रो० (डॉ०) राजाराम जैन अनूपचन्द न्यायतीर्थ
डॉ० उदयचंद्र जैन
डॉ० दयाचन्द्र साहित्याचार्य
डॉ० (श्रीमती) माया जैन
श्रीमती स्नेहलता जैन
डॉo लालचन्द जैन
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श्रीमती रंजना जैन
शारदा पाठक
धर्मेन्द्र जैन
(डॉ) श्रीमती पुष्पलता जैन
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